Jaisalmer: जैसलमेर में दुर्गाष्टमी पर हिंगलाज माता मंदिर में हुआ महायज्ञ, कन्याओं को कराया भोज
स्वर्ण नगरी जैसलमेर में नवरात्र का महापर्व दुर्गाष्टमी श्रद्धा और भक्तिभाव के साथ मनाया गया.श्री दाता सेवा संस्थान की ओर से सचिव संत दाता स्वामी उम्मेदगिरी के सानिध्य में भक्तों ने रेवत सिंह की ढाणी के पास स्थित हिंगलाज माता मंदिर में कन्या पूजन और भोज का आयोजन किया गया.
Jaisalmer: स्वर्ण नगरी जैसलमेर में नवरात्र का महापर्व दुर्गाष्टमी श्रद्धा और भक्तिभाव के साथ मनाया गया. इस अवसर पर हिंगलाज माता मंदिर में महायज्ञ का आयोजन किया गया. दुर्गाष्टमी पर लोगों ने अपने घरों में कुलदेवी और मां दुर्गा की पूजा अर्चना कर ज्योत ली गई. महाअष्टमी पर शहर के सभी देवी मंदिरों में विशेष आयोजन और हवन हुए. मंदिरों में माता का विशेष श्रृंगार कर मनमोहक झांकियां सजाई गई. माता को खीर, पूड़ी और हलुए का भोग लगाया गया.
श्री कृष्ण जन्म भूमि निर्माण न्यास की पदेन राष्ट्रीय धर्माचार्य निम्मी गिरी ने बताया कि नवरात्र में महागौरी की पूजा का अपना महत्व है और हमारी संस्कृति में कन्या को देवी रूप माना गया है. इसीलिए नवरात्र की अष्टमी के दिन कन्या पूजन का विशेष महत्व होने से घरों और मंदिरों में कन्याओं का पूजन कर भोजन कर दक्षिणा स्वरूप भेंट करने का अपना विशेष महत्व है. श्री दाता सेवा संस्थान की ओर से सचिव संत दाता स्वामी उम्मेदगिरी के सानिध्य में भक्तों ने रेवत सिंह की ढाणी के पास स्थित हिंगलाज माता मंदिर में कन्या पूजन और भोज का आयोजन किया गया. कार्यक्रम की शुरुआत महंत तुंग गिरी और लखण गिरी की समाधि पूजन से की गई.
उसके बाद दाता के सानिध्य में समाधि स्थल पर वृक्षारोपण किया गया. उसके पश्चात संत उम्मेदगिरि के नेतृत्व में साधकों ने हिंगलाज मंदिर में महायज्ञ किया. दाता उम्मेदगिरि ने बताया की आज सर्व जन कल्याण हेतु मां से प्राथना की गई और आने वाले समय में माता रानी समस्त विश्व पर अपनी कृपा दृष्टि बनाए और कोरोना जैसी बीमारियों का दुनिया से विनाश करें. उन्होंने कहा कि अष्टमी को कुल देवी की पूजा अर्चना में हवन का अपना विशेष महत्व है. इस अवसर पर पधारे श्री कृष्ण जन्म भूमि निर्माण न्यास के अध्यक्ष ने न्यास के संकल्प को दोहराते हुए कहा कि श्री कृष्ण जन्मभूमि निर्माण ही हमारा प्रथम उद्देश्य हैं.
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