Jaisalmer: जैसलमेर के पोकरण में दो वर्ष बाद 29 अगस्त को भादवा सुदी दूज से शुरू होगा विश्व प्रसिद्ध बाबा रामदेव का भादवा मेला. इस बार देशभर से अनुमानित 50 लाख श्रद्धालुओं के भाग लेने के कयास लगाये जा रहें हैं. कलियुग में कृष्ण के अवतार और करोड़ों श्रद्धालुओं की आस्था के प्रतीक बाबा रामदेव के प्रति आस्था का समंदर हिलोरे मार रहा है. दो वर्ष बाद आयोजित होने जा रहें बाबा रामदेव के विश्वप्रसिद्ध 638 वें भादवा मेले में जातरूओं का रिकॉर्ड टूटने का अनुमान है. इस बार देशभर से करीब 50 लाख श्रद्धालुओं के भाग लेने की उम्मीद है. इस बार मेले का विधिवत शुभारंभ तो भादवा की बीज 29 अगस्त से होगा, लेकिन अभी से जातरूओं की रेलमपेल बढ़ गई हैं. लाखों श्रद्धालुओं की सुरक्षा और अन्य व्यवस्थाएं सुचारू बनाना प्रशासन के लिए बड़ी चुनौती होगी.


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व्यापारियों के चेहरे खिले


कोरोना के कारण दो साल से बाजार में सन्नाटा पसरा हुआ था, मंदिर में आने पर प्रतिबंध लगा हुआ था, इस कारण व्यापारी भारी आर्थिक नुकसान झेल रहें थे. मेला शुरू होने से दो साल की निराशा अब दूर हो रही है, व्यापारियों के चेहरे खिल गए हैं, बाजार में अभी से रौनक नजर आ रही है. व्यापार करने के लिए देश भर से विभिन्न व्यवसाय के थोक और फुटकर व्यापारी रामदेवरा में आकर अपनी दुकानें मेला क्षेत्र में लगाते हैं, व्यापारियों को भी इस बार अच्छे व्यापार की उम्मीद है.


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तनाव के बीच साम्प्रदायिक सदभाव का संदेश


साम्प्रदायिक तनाव के बीच बाबा रामदेवजी का मेला सद्भाव का संदेश देगा. सभी धर्मों के लोगों में बाबा के प्रति आस्था है, मुस्लिम धर्म के लोग उन्हें पीर मानते हैं. रामदेव की समाधि पर दर्शन के लिए देश के कोने-कोने से श्रद्धालु रामदेवरा पहुंचते हैं. देश के सर्वाधिक बड़े मेलों में शामिल यह मेला सद्भाव का प्रतीक है और देशभर में साम्प्रदायिक सद्भाव का संदेश देता है. श्रावण व भाद्रपद महीने में बाबा की आस्था का ज्वार उमड़ेगा. राजस्थान सहित गुजरात, महाराष्ट्र, दिल्ली, पंजाब, हरियाणा, उतरप्रदेश, मध्यप्रदेश सहित कई राज्यों से श्रद्धालु यहां पहुंचते हैं. सावन के शुक्ल पक्ष से श्रद्धालुओं के आगमन का दौर भादवा मास के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा को मेला संपन्न होने पर थमता है. पांच किलोमीटर तक लंबी लाइनों में खड़े होकर श्रद्धालुओं को दर्शन के लिए घंटों इंतजार करना पड़ता हैं.


शुरू हुआ बैठकों का दौर 


मेले की तैयारियों को लेकर मेला प्रबंधन कमेटी की बैठकों का दौर शुरू हो गया है चूंकि, मेले में श्रद्धालुओं की संख्या दुगुनी होने के अनुमान को लेकर व्यवस्थाएं खास रहेंगी. इसके लिए प्रशासन और प्रबंधन कमेटी कई नए प्रयोग और हिदायतें जारी करने की तैयारी कर रही हैं. सुरक्षा के साथ-साथ श्रद्धालुओं को समाधि के दर्शन आसानी से हो सके, इसके लिए भी खास योजना बनाई जा रही है. सभी रास्तों पर सीसीटीवी कैमरे बड़ी संख्या में लगाने और यातायात व्यवस्था को सुचारू बनाने की योजना है.


भादवा मेला एक नजर में


बाबा रामदेव के समाधि के दर्शनार्थ आने वाले श्रद्धालुओं की संख्या 50 लाख (अनुमानित) है, जिसमें से 30 लाख श्रद्धालु पैदल यात्रा करके रामदेवरा पहुंचते हैं.मेला परिसर में लगने वाली दुकानों की संख्या 2,000 हैं जिसमे प्रसाद, खिलौने, सौंदर्य प्रसाधन, रेस्टोरेंट्स और स्टाल आदि शामिल है. मेले में तैनात पुलिस, आर ए सी और होमगार्ड की संख्या 2500 होगी. कस्बे में श्रद्धालुओं के रुकने के लिए 250 धर्मशालाएं और होटले हैं. भादवा मेले में श्रद्धालुओं के लिए मेला मैदान में 150 भंडारें चलते हैं. श्रद्धालुओं को कम समय मे सुविधापूर्ण दर्शन हो, इसके लिए समाधिस्थल 22 घण्टे खुला रहता है.


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