माही प्रोजेक्ट: हाईकोर्ट ने सरकार को जनवरी के दूसरे हफ्ते तक योजना बताने के दिए निर्देश
Jalore News: माही प्रोजेक्ट को लेकर राजस्थान किसान संघर्ष समिति जालोर की ओर से दायर याचिका पर हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को प्रोजेक्ट बनाकर जनवरी के द्वितीय सप्ताह तक पेश करने के निर्देश दिए हैं.
Jalore News: राजस्थान के जालोर जिले में पिछले लंबे समय से माही बजाज सागर परियोजना को लेकर राजस्थान किसान संघर्ष समिति की ओर से किए जा रहे प्रयासों को कुछ हद तक राहत मिली है. दरअसल, समिति की ओर से माही बांध के पानी को जालोर, सिरोही और बाड़मेर को उपलब्ध करवाने को लेकर राजस्थान उच्च न्यायालय जोधपुर में मार्च 2021 में एक जनहित याचिका दायर की थी, उसमें अब हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को जनवरी 2023 के दूसरे सप्ताह तक एक प्लान बनाकर पेश करने के निर्देश दिए है.
राज्य सरकार को किसान संघर्ष समिति की ओर से दिए गए चार सुझावों के साथ-साथ खुद का विकल्प भी शामिल करने को निर्देश दिया है. समिति के पदाधिकारियों ने प्रेसवार्ता कर इस बात की जानकारी दी है. समिति पदाधिकारियों ने कहा है कि अब न्यायालय का सहयोग मिलने से उन्हें राज्य सरकार पर भी भरोसा बढ़ गया है. इसके कार्य की योजना को लेकर समिति की ओर से 28 नवम्बर को नरपुरा में एक बड़ी बैठक भी बुलाई गई है, जिससे सरकार माही बजाज योजना के लिए इस बजट सत्र में बजट जारी कर सके.
समिति ने दिए थे ये चार सुझाव
1. माही बांध का पानी जो गुजरात को दिया जाता है, उसको जालोर-बाड़मेर में उपलब्ध करवाना.
2. माही नदी के जल को डायवर्ट कर जालोर-बाड़मेर को उपलब्ध करवाना.
3. माही बांध का ओवरफ्लो पानी डाइवर्ट कर जालोर-बाड़मेर को उपलब्ध करवाया जाए.
4. माही नदी को लूणी नदी तक जोड़ा जाए.
इन चारों में से कोई सुझाव पर कार्रवाई की जाए या इन चारों के अलावा और कोई न्याय संगत तरीका है, तो उसे भी अपनाकर बाड़मेर-जालोर को माही जल कैसे पहुंचाया जाए. इस संबंध में राज्य सरकार को जो उचित लगे, जो भी हो जनवरी 2023 के दूसरे सप्ताह तक योजना बनाकर न्यायालय में पेश करने का कहा गया है.
जानकारी जुटाने के लिए अध्यक्ष ने 446 बार लगाई आरटीआई
यह राजस्थान किसान संघर्ष समिति लम्बे समय से माही पानी को लेकर प्रयास कर रही है. केंद्र और राज्य सरकार के कई मंत्रियों को भी अवगत कराया, लेकिन कोई हल नहीं निकल पाया. वर्ष 2017 में समिति से जुड़े सेवानिवृत्त तहसीलदार बद्रीदान को समिति का अध्यक्ष बनाया गया. उन्होंने माही बांध से ओवरफ्लो होकर गए पानी, सिंचाई आदि की समस्त जानकारी गुजरात के विभिन्न विभागों से एकत्रित की है. इसके लिए अध्यक्ष बद्रीदान ने 446 बार सूचना का अधिकार के तहत आरटीआई मांगी.
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सरकारों में कहीं सुनवाई नहीं होते देख समिति ने आरटीआई से प्राप्त दस्तावेजों के आधार पर मार्च 2021 में राजस्थान हाईकोर्ट जोधपुर में जनहित याचिका दायर की है. समस्त दस्तावेजों का अध्ययन करने के बाद हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश पंकज मित्तल और न्यायाधीश रेखा बोराणा ने 18 नवम्बर को राज्य सरकार को समिति के सुझावों या फिर अन्य न्याय संगत तरीका अपनाकर माही के पानी को जालोर बाड़मेर को दिलाने के लिए योजना बनाकर जनवरी 2023 के दूसरे सप्ताह तक न्यायालय में पेश करने के निर्देश दिए है.
Reporter: Dungar Singh
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