Jhalawar News : झालावाड़ शहर के पाटन रोड स्थित एक निजी स्कूल की एक शिक्षिका ने स्कूल के प्रिंसिपल पर उसका उत्पीड़न करने,  महिला शिक्षिकाओं पर अभद्र टिप्पणी करने,  मीटिंग के दौरान शिक्षिकाओं पर फब्तियां कसने जैसे गंभीर आरोप लगाए हैं. वहीं पीड़िता के द्वारा मामले को लेकर मंगलवार को एसपी कार्यालय में एक परिवाद दायर किया गया था, जिसके बाद मामले को संज्ञान में लेते हुए पुलिस ने बुधवार को स्कूल के प्रिंसिपल अरुणेश सक्सेना के खिलाफ महिला उत्पीड़न तथा एससी एसटी एक्ट जैसी गंभीर धाराओं में प्रकरण दर्ज कर लिया है. वही अब इस पूरे मामले की जांच झालावाड़ सीओ महिला अनुसंधान सेल को सौंपी गई है.


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

 इधर मामले की जानकारी देते हुए पीड़िता ने बताया कि वह पिछले 5 वर्षों से पाटन रोड स्थित एक निजी स्कूल  (लेडी अनुसुइया सिंघानिया एजुकेशनल सेंटर) में कार्यरत है. ग्रीष्म अवकाश के दौरान विद्यालय में समर कैंप का आयोजन हुआ था, उसी दौरान स्कूल के प्रिंसिपल अरुणेश सक्सेना ने स्कूल के ऊपर वाली बिल्डिंग पर उसकी ड्यूटी लगा दी. पीड़िता का आरोप है कि उसी दौरान अरुणेश सक्सेना ने उसे एक तरफ आने को कहा तथा कमरे में एक तरफ ले जाकर उसका हाथ पकड़ा लिया. पीड़िता ने बताया कि स्कूल में प्रिंसीपल ने उसके कहे अनुसार काम करने को कहा. ऐसा नहीं करने पर उसने स्कूल से निकालने तक की धमकी दे डाली. इस दौरान पीड़िता ने बताया कि पिछले एक साल से कार्यरत प्रिंसिपल ने पहले उसके काम की खूब तारीफ की, लेकिन उनकी बात ना मानने पर प्रिंसिपल ने उन्हें 11 महीने का नोटिस दे डाला. इसके साथ ही उसे कई प्रकार से टॉर्चर किया गया.


 



 उधर पूरे मामले में जानकारी देते हुए महिला थाना अधिकारी बाबूलाल ने बताया कि सीबीएसई स्कूल की महिला शिक्षिका के द्वारा परिवाद पेश किया गया था, जिसके बाद मामले में संज्ञान लेते हुए बुधवार को स्कूल के प्रिंसिपल के विरुद्ध महिला उत्पीड़न तथा एससी एसटी एक्ट की धाराओं में मामला पंजीकृत कर लिया गया है. अब इस पूरे मामले की जांच झालावाड़ के डीएसपी महिला अनुसंधान और एससी.एसटी. सेल के द्वारा की जाएगी.


इधर शिक्षिका के आरोपों पर अपनी सफाई पेश करते हुए स्कूल के प्रिंसिपल अरुणेश सक्सेना ने बताया कि स्कूल की शिक्षिका द्वारा उन पर लगाए गए आरोप पूरी तरह से निराधार है. स्कूल शिक्षिका के द्वारा लगातार उनके पति को स्कूल में रखने की मांग की जा रही थी तथा स्कूल के बच्चों के माता-पिता द्वारा भी शिक्षिका की शिकायत की गई थी. हालांकि प्रिंसिपल ने स्वीकारा की स्कूल मीटिंग के दौरान उनके द्वारा स्कूल के शिक्षकों पर कई बार हंसी मजाक में कमेंट किए जाते हैं, अगर किसी शिक्षक को मेरे द्वारा किए गए कमेंट पर आपत्ति हुई हो, तो आज तक किसी ने इसकी शिकायत मुझसे आकर नहीं की है. फिलहाल उन्होंने अपनी बात थाना अधिकारी के समक्ष रख दी है. पुलिस अनुसंधान में जुटी है.


यह भी पढ़ें


Dabur Honey : जिसे सेहतमंद समझ रहे थे वो शहद लैब टेस्ट में फेल


राजस्थान कांग्रेस स्क्रीनिंग कमेटी की कमान गौरव गोगोई के हाथ, टिकट बंटवारे में सचिन पायलट की बात का भी होगा वजन