Jhalawar: झालावाड़ जिले में बीते 2 दिनों से विदाई के मानसून की बारिश जारी है, जिसके चलते नदी नाले उफान पर आ गए हैं. वहीं जिले की कालीसिंध, आहू और परवन नदिया भी उफान पर है. वहीं बारिश के चलते खेतों में भी जलभराव हो गया है, इसके चलते खेतों में कटी पड़ी सोयाबीन, मक्का की फसलें तबाह हो गई है. इस में विदा होते मानसून ने किसानों की आंखें भी भिगो दी है. मानसून ने किसानों की सारी मेहनत पर पानी फेर दिया है.


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जिले में बीते 48 घंटों से अनवरत बारिश का दौर जारी है. देर शाम को झालावाड़, झालरापाटन, खानपुर सहित विभिन्न कस्बों में करीब 2 घंटे तक मूसलाधार बारिश हुई, जिसके चलते नदी नाले उफान पर आ गए. कालीसिंध तथा भीम सागर बांध के गेट खोल कर पानी की निकासी की जा रही, ऐसे में प्रशासन द्वारा केचमेंट एरिया में अलर्ट जारी कर दिया गया है. बारिश के चलते कई छोटी पुलियां भी जलमग्न हो गई हैं. पहले अतिवृष्टि के बाद अब विदाई के मानसून ने भी किसानों की फसलों को तबाह कर दिया है, जिससे सोयाबीन और मक्का की फसलें भीग जाने से जिंसों के भाव भी कम मिलेंगे, ऐसे में किसानों को फसलों का लागत खर्च निकलना भी अब मुश्किल दिखाई दे रहा.


नम आंखों के साथ किसानों ने बताया कि फसलें खराब हो गई है, ऐसे में अब अच्छा भाव मिलना बहुत मुश्किल है. प्रदेश सरकार से उनकी मांग है, कि खरीफ की सभी फसलों की समर्थन मूल्य पर खरीद की जाए. उधर मौसम विभाग द्वारा आगामी 10 अक्टूबर तक झालावाड़ जिले में मानसून की सक्रियता की चेतावनी दी गई है, ऐसे में किसानों की परेशानियां फिलहाल खत्म होती नजर नहीं आ रही है.


Reporter - Mahesh Parihar


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