Jhunjhunu: झुंझुनूं नगर परिषद के अधिकारियों पर न्यायालय की गाज गिर सकती है. यह संकेत स्थायी लोक अदालत द्वारा नियुक्त किए गए न्याय मित्र केके गुप्ता ने दिए हैं. दरअसल स्थायी लोक अदालत ने झुंझुनूं नगर परिषद समेत मंडावा और नवलगढ़ में स्वच्छता के तहत काम करने और कार्यों की मॉनेटरिंग के लिए केके गुप्ता को न्याय मित्र बनाया है.


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इसी क्रम में गुप्ता ने पिछले साल नवंबर में नगर परिषद झुंझुनूं के अधिकारियों के साथ बैठक कर स्वच्छ शहर बनाने की दिशा में आवश्यक दिशा निर्देश दिए थे. जिसकी पालना में पिछले दिनों नगर परिषद झुंझुनूं ने एक रिपोर्ट केके गुप्ता को भेजी. जिसकी जमीनी हकीकत जानने के लिए केके गुप्ता झुंझुनूं पहुंचे.


झुंझुनूं पहुंचने पर सर्किट हाउस में युवा कार्यकर्ता राजेश केजड़ीवाल ने उनका स्वागत किया. इस बाद पत्रकारों से बात करते हुए केके गुप्ता ने कहा कि उन्हें न्यायालय ने न्याय मित्र बनाया है. इसलिए वे अपने काम को पूरा करेंगे. साथ ही यदि अधिकारियों ने स्वच्छता को लेकर गलत और झूठी रिपोर्ट दी है तो उन पर कानूनी कार्रवाई की जाएगी. उन्होंने कहा कि वर्तमान हालातों में स्वच्छता को लेकर पीएम नरेंद्र मोदी और सीएम अशोक गहलोत समेत हर सरकार गंभीर है लेकिन अधिकारी व जनप्रतिनिधि इतने गंभीर नहीं है जितना उन्हें होना चाहिए.


उन्हें जो दायित्व न्यायालय ने दिया है वे उसे पूरा करेंगे. उन्होंने कहा कि झुंझुनूं नगर परिषद की रिपोर्ट की हर बिंदु की जांच पड़ताल होगी. इसके बाद यदि रिपोर्ट झूठी मिली तो वे ना केवल सरकार को अवगत करवाएंगे. बल्कि न्यायालय को भी अवगत करवाएंगे. उन्होंने कहा कि स्वच्छता कार्यक्रम के साथ ना तो मजाक होने दिया जाएगा और ना ही समझौता किया जाएगा.


 


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