Jhunjhunu : सेठाना गांव व हवेलियों से प्रसिद्ध झुंझुनूं के जसरापुर में हवेलियां भी अब भू-माफियाओं के निशाने पर आ गई है. विवादित प्रकरण करते हुए हवेलियों पर कब्जा करने की कोशिश की जा रही हैं. इसमें प्रशासन पर भी बड़ा सवाल उठ रहा है. 50 साल से भी अधिक वर्षों से रह रहे व पट्टा होते हुए भी परिवारों को प्रशासन द्वारा बाहर निकलवाने की कोशिश करवाई जा रही है.


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ऐसा ही मामला खेतड़ी उपखंड के जसरापुर में भी देखने को मिल रहा है. जहां पर प्रशासन द्वारा इंसानियत को भी शर्मसार करने की घटना सामने आई है. हवेली में कई वर्षों से रह रही 70 वर्षीय दिव्यांग व विधवा महिला प्रेम देवी पत्नी रोहिताश शर्मा को प्रशासन ने पुलिस की सहायता से महिला की चारपाई सहित बाहर निकालकर सीज कर दिया है. अब दिव्यांग महिला खुले आसमान में तंबू के नीचे रहने को मजबूर है. जबकि उससे चला फिरा भी नहीं जा रहा.


इधर, प्रशासन का तर्क है कि लड़ाई झगड़े का अंदेशा था. इसलिए सील लगाई गई है. बड़ा सवाल यह है कि 70 साल की दिव्यांग महिला कैसे झगड़ा कर सकती है. जबकि पीड़ित महिला पैरालायसिस की वजह से चला ही नहीं जा रहा. ना ही मुंह से आवाज निकलती है. उसको पकड़ कर ही चलाया जा सकता है. पीड़ित महिला की बेटी संगीता ने बताया कि हम तो जन्म से इसी हवेली में रह रहे हैं. मेरी मम्मी भी शादी करके इसी हवेली में आई थी. अब प्रशासन ने बेरहमी से बाहर निकाल दिया. हवेली में भू माफिया इस हवेली को हथियाने की कोशिश कर रहे हैं. कई बार डराया है. धमकाया है. पुलिस थाने में मुकदमा दर्ज कर थाने में भी बंद करवा दिया. जबकि हमारे पास ग्राम पंचायत का पट्टा भी है. बिजली-पानी के कनेक्शन भी हमारे नाम हैं तथा हम तो जन्मों से यही रहते आए हैं हमारे दादा पिता भी इसी में रहते थे.


आनन-फानन में सीज की हुई कार्रवाई
पीड़ित महिला परिवार के वकील अजीत सिंह ने बताया इस मामले में सिविल कोर्ट में वाद दायर किया था. वहां से 5 नवंबर के लिए नोटिस तामिल करवा दिया गया था. लेकिन उस नोटिस की परवाह नहीं करते हुए भी तहसीलदार ने सीज की कार्रवाई की है तथा सीज के आदेश भी 5 कमरों के ही थे. लेकिन उस दिव्यांग महिला को बाहर निकालने के चक्कर में पूरी हवेली को ही सीज कर दिया गया.
थानों में बार-बार मुकदमे कर बनाया गया माहौल


हवेली में रह रही महिला की बेटी ने बताया दिव्यांग महिला व उसका एक बेटा ही रहता है. लेकिन माफियाओं ने महाराष्ट्र में रह रहे पवन कुमार को बुलाकर थाने में बार-बार मुकदमे किए गए. जबकि कभी भी लड़ाई झगड़ा नहीं हुआ. प्रशासन को यह दिखाने के लिए की लड़ाई झगड़े की अंदेशा है यह सब सुनियोजित तरीके से किया गया है. पवन कुमार कभी भी या नहीं आया वह महाराष्ट्र में ही रहता था. लेकिन इस हवेली को खुर्दपुर्द करने के चक्कर में कब्जा कर बेच कर जाना चाहता है.


Reporter- Sandeep Kedia


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