Barmer: पश्चिमी राजस्थान (Western Rajasthan) के बाड़मेर (Barmer) जिले में इस बार मानसून (Monsoon) में देरी होने के कारण किसानों के साथ ही जलीय जीवों के सामने भी बड़ा संकट खड़ा हो गया है.


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

यह भी पढ़ें- डिप्रेशन में 2 महीने तक जुहू की सड़कों पर भटकीं पूर्व सरपंच, जानें कैसे पहुंची घर


तालाबों का पानी सूखने लगने के कारण लगातार जलीय जीव मौत का ग्रास बन रहे हैं. ऐसा ही कुछ हाल है बाड़मेर जिला मुख्यालय स्थित जसदेर तालाब का, जहां पर तालाब में पानी सूखने के कारण प्रतिदिन दर्जनों मछलियां मौत के मुह में जा रही है.


यह भी पढ़ें- Crime की दुनिया का बादशाह बनने की सनक में युवक की हैवानगी, Video देख कांप जाएंगे आप!


बाड़मेर में भीषण गर्मी और मानसून की बेरुखी के बीच शिव शक्ति मंदिर स्थित जसदेर तालाब अब सूखने लगा है. इस तालाब में छोड़ी गई मछलियां भी पानी की कमी से दम तोड़ने लगी हैं. तालाब के किनारे करीब 30 मछलियां मृत पाई गईं. मछलियों की मौत का आंकड़ा प्रतिदिन बढ़कर दुगुना हो रहा है. बरसाती पानी के अलावा तालाब में पानी की आवक के लिए नहरी पानी का वॉल्व भी इस तालाब में लगाया गया है लेकिन जलदाय विभाग द्वारा पानी नहीं खोलने के चलते जसदेर तालाब अब सूखने की कगार पर है. 


तालाब में पानी की कमी
इस तालाब में सैकड़ों मछलियों के साथ कछुए एवं अन्य जलीय जीव भी है. इसके साथ ही आसपास का पशुधन पर इसी तालाब पर पानी की आस में आता है लेकिन तालाब में पानी की कमी के कारण जलीय जीवों की मौत से उनकी संख्या निरंतर कम हो रही है. वहीं पशुधन का भी बुरा हाल है.


क्या कहना है मंदिर के पुजारी का
मंदिर के पुजारी कमलेश दवे ने बताया कि तालाब में पानी की कमी से मछलियां तैर नहीं पा रही है और कीचड़ में धंसकर वापस पानी मे लौट नहीं पा रही है, जिससे मछलियों की मौत हो रही है. पुजारी एवं मंदिर समिति ने मांग की है कि प्रशासन तालाब में पानी की आपूर्ति करें ताकि तालाब की मछलियों एवं जलीय जीवों को बचाया जा सके.


टैंकरों के माध्यम से करवाई गई थी जलापूर्ति 
गौरतलब है कि कुछ समय पहले जीव दया मैत्री ग्रुप ने अभियान चलाकर तालाब में टैंकरों के माध्यम से जलापूर्ति भी करवाई थी. लेकिन इन दिनों तालाब पूर्णतः सूखने की कगार पर है और तालाब में फैले कीचड़ से जलीय जीव मौत का शिकार हो रहे हैं. बावजूद इसके प्रशासन इन जीवों को बचाने के लिए कोई खास कदम नहीं उठा रहा. यही हाल रहा तो आने वाले दिनों में तालाब में निवासरत हज़ारों जलीय जीव एक-एक कर काल का ग्रास बन जाएंगे.


Reporter- Bhupesh Acharya