डिप्रेशन में 2 महीने तक जुहू की सड़कों पर भटकीं पूर्व सरपंच, जानें कैसे पहुंची घर
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डिप्रेशन में 2 महीने तक जुहू की सड़कों पर भटकीं पूर्व सरपंच, जानें कैसे पहुंची घर

पूर्व सरपंच करीब दो महीने तक एक ही कपड़े में जुहू में बेसहारा भटकती रही, जो खाने को मिलता खा लेती. सड़क किनारे जगह मिली तो वहीं सो जाती.

सरस्वती देवी लॉकडाउन में बेटों की याद में डिप्रेशन का शिकार हो गई.

Pali: लॉकडाउन (Lockdown) के दौरान पाली (Pali) जिले के वोपारी गांव की पूर्व सरपंच अपने बेटों की याद में डिप्रेशन (Depression) में आ गई. याद सताने लगी तो पति को बिना बताए वह मारवाड़ जंक्शन (Marwar Junction) से मुंबई (Mumbai) की ट्रेन में बैठ गई, लेकिन मुंबई पहुंचने के बाद उसके पास न तो बेटे का मोबाइल नंबर था और न ही घर का पता. दो महीने तक पूर्व सरपंच जुहू (Juhu) में भटकती रही. 

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वहीं, घर वाले भी दो महीने से महिला को ढूंढ रहे थे. मुंबई में रहने वाले बेटे ने पुलिस में भी रिपोर्ट दी, लेकिन उनकी मां नहीं मिली. आखिर पाली-मारवाड़ के ही एक युवक ने महिला का वीडियो (Video) बना उसे वायरल (Viral) कर दिया. यह वीडियो उनके बेटे तक पहुंचा तो वे उसे लेने पहुंचे.

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मारवाड़ जंक्शन के निकट वोपारी गांव में रहने वाली 60 वर्षीय सरस्वती देवी पत्नी सज्जनसिंह राजपुरोहित गांव में अपने पति के साथ रहती है. उनका एक बेटा विजय सिंह मुंबई के अंधेरी क्षेत्र में में रहता है तो दूसरा बेटा भूपेन्द्र सिंह एयरफोर्स में है. सरस्वती देवी लॉकडाउन में बेटों की याद में डिप्रेशन का शिकार हो गई. उनकी मानसिक हालत बिगड़ गई. 

बेटे की नहीं थी कोई जानकारी
बेटे की याद में सरस्वती देवी करीब दो माह पहले अपने पति को बिना बताए मारवाड़ जंक्शन से ट्रेन में बैठकर मुंबई उतर गई, लेकिन बेटा मुंबई में कहां रहता है और उसका नाम, मोबाइल नम्बर कुछ याद नहीं रहने के कारण जुहू क्षेत्र में करीब दो माह तक बेसहारा की तरह भटकती रही. इधर बेटे विजय सिंह को मां के यूं गायब होने की जानकारी मिली तो उसने अपने स्तर पर मुंबई में उन्हें खूब ढूंढा. थाने में रिपोर्ट भी दी, लेकिन मां के बारे में कुछ पता नहीं चला. 

नेमाराम चौधरी ने हर रोज दिया खाना
करीब दो महीने तक एक ही कपड़े में जुहू में बेसहारा भटकती रही, जो खाने को मिलता खा लेती. सड़क किनारे जगह मिली तो वहीं सो जाती. इस दौरान जुहू में नाश्ते-मिठाई की दुकान चलाने वाले पाली जिले के रानी गांव के नेमाराम चौधरी उन्हें अपनी दुकान से रोज खाना देते थे. मारवाड़ी ड्रेस पहनी देख उन्होंने एक दिन उनका वीडियो बना लिया, जिसमें सरस्वती देवी ने बताया कि वह रडावास की है, वोपारी में रहती हैं. जब नेमाराम ने कहा कि भूख लगे तो दोपहर को भी नाश्ता लेने आ जाना तो उन्होंने कहा कि आपका धंधा है. रोज यहां आऊं, अच्छा थोड़ी लगता है. 

नेमाराम ने सोशल मीडिया पर वायरल किया वीडियो
यह वीडियो नेमाराम ने सोशल मीडिया पर वायरल किया. जिसमें कहा कि यह महिला वोपारी गांव की है. जो भी इनको जानते हैं. प्लीज इनके घरवालों को जानकारी दें, जिससे यह अपने परिवार से फिर से मिल सके. उनका यह वीडियो अंधेरी में रह रहे सरस्वती देवी के बेटे विजयसिंह के पास भी पहुंचा तो वे तुरंत अपनी मां को लेने जुहू गए. अपनी मां की हालत देख उनकी आंखों में आंसू आ गए. मां को गले लगाया और दिल से नेमाराम का धन्यवाद देकर मां को हंसी-खुशी अपने साथ ले गए. घर ले जाते समय पहले उन्हें डॉक्टर को दिखाया. सरस्वती देवी अब ठीक हैं और अपने बेटे के साथ रह रही हैं.

Reporter- सुभाष रोहिसवाल 

 

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