Lohawat: लोहावट पंचायत समिति की साधारण सभा की बैठक पंचायत समिति सभागार में आयोजित की गई. बैठक में कई विभागों के उच्चाधिकारियों के नहीं आने पर जनप्रतिनिधियों ने खासी नाराजगी जाहिर की. लोहावट प्रधान गीता विश्नोई की अध्यक्षता में बैठक आयोजित हुई. बैठक के प्रारम्भ में जनप्रतिनिधियों ने विभिन्न विभागों के उच्चाधिकारियों के नहीं आने पर रोष जताते हुए कहा कि आमजन की समस्याएं किसको बताएंगे तथा नाराजगी जताई.


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इस पर विकास अधिकारी हेमाराम चौधरी ने कहा कि उच्चाधिकारियों के नहीं आने को लेकर जिला कलेक्टर को पत्र लिखा जाएगा.बैठक में तहसीलदार रणवीरसिंह, सरपंच संघ अध्यक्ष सोमराज खावा, जीएसएस अध्यक्ष ओमप्रकाश राव, एईएन डिस्काम महेश नागर भी मौजूद रहें.


यह आए मुद्दे


बैठक में जिपस विक्रमादित्यसिंह आमला ने रामदेवनगर में खराब नलकूप की जगह स्वीकृत नलकूप को विभाग की ओर से खोदने में विलंब करने, लोहावट से शैतानसिंह नगर रोड को दुरुस्त करवाने, कटाणी रास्ते खुलवाने के मुद्दे रखें, लोहावट विश्नावास सरपंच सत्यनारायण विश्नोई ने पेयजल योजना के अंर्तगत कस्बे में जलापूर्ति नहीं होने, विश्नावास में जर्जर एसआर के संबंध में जलदाय विभाग की ओर से जाटावास में एसआर बनी हुई की गलत रिपोर्ट भेजना, राजस्व रिकार्ड में भूमि का दर्ज नहीं होना, क्षतिग्रस्त सड़के के मुद्दे रखें. 


फतेहसागर सरपंच ओमप्रकाश जांगू ने डिस्कॉम के अधिकारियों के फोन रिसिव नहीं करने, ढ़ीली विद्युत लाइनों के दुरुस्तीकरण करने, उप स्वास्थ्य केन्द्र पर एएनएम का पद खाली होने, सड़क किनारों से बबूल की झाडिय़ां कटवाने के मुद्दे रखें. जिपस गोपाराम मेघवाल ने पेयजल योजना की पाइपलाइन के अवैध कनेक्शनों, जेजेवाई में खराब नलकूपों, चिकित्सकों के पद रिक्त होने, काश्तकारों के अशुद्ध नामों के शुद्धिकरण के बाद भी रिकार्ड में दर्ज नहीं होने के मुद्दे रखे.


इसी तरह अशोक पाबड़ा, भजननगर सरपंच पाबूराम सियाक, पंसस ईमीलाल, पंसस गणेश कावां, पंसस पप्पूराम कड़वासरा सहित कई सदस्यों व सरपंचों ने समस्याएं रखी.


प्रतिनिधि के मुद्दे पर उलझे जनप्रतिनिधि


बैठक के प्रारम्भ होने के दौरान एक प्रतिनिधि की ओर से समस्याएं उठाने पर पंसस गणेश कावां ने विरोध जताना शुरु कर दिया. इस पर जिपस विक्रमादित्यसिंह आमला व अन्य ने कहा कि बैठक में कई जनप्रतिनिधि के स्थान पर अन्य प्रतिनिधि बैठे हुए है. प्रतिनिधि स्वीकार्य नहीं है तो सभी प्रतिनिधि को बाहर भेजें. इसके बाद कई जनप्रतिनिधि इसको लेकर कुछ देर के लिए आपस में उलझते रहें. बाद में अन्य जनप्रतिनिधियों ने कहा कि प्रतिनिधि बैठक में आ गए हो तो वह समस्याएं लिखित में विकास अधिकारी को दे देवें.


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