Bangladesh Unrest: 'हसीना को हमें दे दो...', बांग्लादेश ने भारत से मांगा पूर्व PM का प्रत्यर्पण, अब क्या करेगी मोदी सरकार?
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Bangladesh Unrest: 'हसीना को हमें दे दो...', बांग्लादेश ने भारत से मांगा पूर्व PM का प्रत्यर्पण, अब क्या करेगी मोदी सरकार?

Bangladesh Unrest: बांग्लादेश बनने के बाद से सेना कई बार तख्तापलट कर चुकी है. 15 अगस्त 1975 को पहली बार तख्तापलट के जरिए मुजीबुर सरकार को हटाया गया था. शेख हसीना उन्हीं की बेटी हैं. जिन्हें अगस्त 2024 में तख्तापलट के बाद जान बचाकर भागना पड़ा. 

Bangladesh Unrest: 'हसीना को हमें दे दो...', बांग्लादेश ने भारत से मांगा पूर्व PM का प्रत्यर्पण, अब क्या करेगी मोदी सरकार?

Bangladesh officially requested India to send back Sheikh Hasina: बांग्लादेश ने पहली बार आधिकारिक तौर पर अपने देश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना को वापस ढाका भेजने की अपील की है, जो 5 अगस्त को आंदोलन के बाद सत्ता से बेदखल होकर देश छोड़कर भारत आ  गई थीं. रिपोर्ट्स के मुताबिक, बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के विदेश मामलों के सलाहकार तौहीद हुसैन ने बताया कि भारत सरकार से यह अनुरोध हमारी सरकार ने किया गया है. तौहीद हुसैन ने मीडिया से बातचीत में कहा, 'शेख हसीना को वापस भेजने का अनुरोध करते हुए भारत को एक नोट वर्बल भेजा गया है.' 

अगस्त की मांग दिसंबर में पूरी होगी?

बांग्लादेश की अंतरिम सरकार ने सोमवार को कहा कि उसने अपदस्थ प्रधानमंत्री शेख हसीना को ढाका वापस भेजने के लिए नई दिल्ली को एक राजनयिक संदेश भेजा है. आपको बताते चलें कि 5 अगस्त को, छात्रों के नेतृत्व वाले आंदोलन के चरम पर पहुंचने के बाद शेख हसीना को भागना पड़ा था. उस आंदोलन में 600 से अधिक लोग मारे गए. फिर नोबेल विजेता मोहम्मद यूनुस की अगुवाई में एक अंतरिम सरकार बनी.

हाल ही में हसीना ने बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के मुख्य सलाहकार मुहम्मद यूनुस पर छात्र विरोध प्रदर्शनों के पीछे 'मास्टरमाइंड' होने का आरोप लगाते हुए उन्हें मास्टरमाइंड किलर कहा था.

हसीना ने कहा यूनुस ने कट्टरपंथियों को हिंदुओं और उनकी पार्टी के लोगों का नरसंहार करने की जो खुली छूट दी थी उस वजह से अब तक हालात सामान्य नहीं हो सके हैं. हसीना ने ये आरोप भी लगाया था कि कथित आंदोलन उनकी सरकार को उखाड़ फेंकने के लिए सीक्रेट तरीके से डिज़ाइन किया गया था.

क्या मानेगा भारत?

वहीं ढाका ट्रिब्यून की एक रिपोर्ट के मुताबिक गृह मामलों के सलाहकार जहांगीर आलम ने सरकार के नोट की जानकारी देते हुए कहा - 'बांग्लादेश का भारत के साथ कैदी विनिमय समझौता है. उसी समझौते के तहत यह किया जाएगा.'

ऐसे में मोहम्मद यूनुस के सिपहसालारों को लगता है कि उस संधि का हवाला देकर लिखे गए नोट को भारत सरकार स्वीकार करने पर बाध्य होगी. हालांकि अभी तक नई दिल्ली से इस पर कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है.

ये भी पढ़ें- बांग्लादेश में हिंदुओं पर कहर जारी, हिंसा से श्मशान में मौत? हसीना बोलीं- यूनुस मास्टरमाइंड किलर

'बांग्लादेश की कूप हिस्ट्री'

बांग्लादेशी सेना कई बार तख्तापलट कर चुकी है. पहला तख्तापलट 15 अगस्त 1975 को हुआ जब मुजीबुर सरकार को हटाया गया था. शेख हसीना उन्हीं की बेटी हैं और फिलहाल भारत में ही रह रही हैं.

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