सरकार का दावा 85 फीसदी डॉक्टर्स काम पर लौटे, डॉक्टर्स का कहना हड़ताल जारी, इमरजेंसी का भी बहिष्कार
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सरकार का दावा 85 फीसदी डॉक्टर्स काम पर लौटे, डॉक्टर्स का कहना हड़ताल जारी, इमरजेंसी का भी बहिष्कार

सीनियर डाक्टर्स को ओपीडी, आईपीडी और इमरजेंसी सेवाओं में लगातार ड्यूटी देने के निर्देश दिए गए है.

सरकार का दावा 85 फीसदी डॉक्टर्स काम पर लौटे, डॉक्टर्स का कहना हड़ताल जारी, इमरजेंसी का भी बहिष्कार

Jaipur News : पिछले सात दिनों से एसएमएस मेडिकल कॉलेज के रेजीडेंट्स हड़ताल पर है. कल रात सरकार ने एक बयान जारी कर बताया कि रेजीडेंट्स के साथ बुधवार को हुई समझौता वार्ता में सहमति बन गई है. जिसके बाद 85 फीसदी रेजीडेंट्स कल रात 8 बजे से ही काम पर लौट आए है.

दो धड़ों में बंटे डॉक्टर्स, मरीजों को परेशान करने वाली ये जिद कैसी !
इस पूरे समझौते से नॉन इन सर्विस डॉक्टर अभी भी सहमत नहीं है और इस धड़े ने ना सिर्फ हड़ताल जारी रखने का फैसला लिया बल्कि आज से इमरजेंसी सेवाओं में भी कार्य बहिष्कार का ऐलान किया है. ऐसे में अब सवाल खड़े ये हो गए है, कि आखिर डॉक्टरज़ दो धड़ों में कैसे बंट चुके है और आखिर मरीज़ों को आहत कर अपनी मांग मनवाने की आखिर ये कैसी जिद है ?

सरकार के हड़ताल खत्म घोषणा के बाद कल रात नॉन इन सर्विस डॉक्टर्स ने आरडी होस्टल में जमकर नारेबाजी की और आरडी होस्टल से लेकर त्रिमूर्ति सर्किल तक रैली भी निकाली. राज्य सरकार ने हड़ताल को देखते हुए तीन दिन पहले ही एपीओ चल रहे 111 डॉक्टर्स को हड़ताल प्रभावित हॉस्पिटल में ड्यूटी देने के आदेश जारी कर दिए थे. वहीं सीनियर डाक्टर्स को ओपीडी, आईपीडी और इमरजेंसी सेवाओं में लगातार ड्यूटी देने के निर्देश दिए गए है.

सरकार के साथ इन मांगों पर बनी सहमति 
सरकार के साथ समझौता वार्ता में सहमति बनने पर 85 प्रतिशत से ज्यादा रेजिडेंट डॉक्टर्स ने बुधवार को हड़ताल समाप्ति की घोषणा कर दी. रेजिडेंट डॉक्टर्स ने बुधवार शाम 8:00 बजे से कार्य बहिष्कार समाप्त कर दिया. प्रमुख शासन सचिव चिकित्सा शिक्षा विभाग वैभव गालरिया ने बताया कि रेजिडेंट डॉक्टर्स की मांगों के संबंध में सहमति बनने पर 85% से ज्यादा रेजिडेंट्स ने हड़ताल समाप्ति की घोषणा करते हुए काम पर लौटने का फैसला किया.

समझौता वार्ता में लिए गए महत्वपूर्ण निर्णय
रेजिडेंट डॉक्टर्स के चिकित्सा शिक्षा विभाग के तहत सर्विस बॉन्ड को प्रवेश बेच 2020-21 एवं प्रवेश बेच 2021-22 के लिए एक बार की शिथिलता प्रदान करते हुए बॉन्ड राशि 1000000 रुपए करने एवं पूर्व अनुसार समय अवधि 2 वर्ष करने पर सहमति हुई.

इसी प्रकार पीजी/ सुपर स्पेशलिटी कोर्स के बाद बॉन्ड की शर्तों के अनुसार राज्य सरकार की संविदा सेवाओं के संबंध में माननीय उच्च न्यायालय में लंबित विभिन्न याचिकाओं के निर्णय के उपरांत विचार किए जाने पर सहमति हुई.

प्रमुख शासन सचिव चिकित्सा शिक्षा ने बताया कि उच्च न्यायालय का निर्णय आने के बाद 7 से 10 कार्य दिवस के भीतर प्रवेश बैच 2020-21 एवं प्रवेश बैच 2021-22 के लिए रेजिडेंट डॉक्टर एसोसिएशन के अध्यक्षों से चर्चा और सहमति के बाद ही एसआरशिप के चयन की प्रणाली निर्धारित की जाएगी, जिसमें सभी रेजीडेंट डॉक्टर्स को एसआरशिप के समान अवसर मिले ये सुनिश्चित किया जाएगा.

उन्होंने बताया कि कोविड-19 में कान्फ्रेंस नहीं होने के कारण बैच 2020 के लिए पेपर/ पोस्टर एवं थिसिस में शिथिलता हेतु संबंधित कॉलेजों के प्रधानाचार्य स्तर पर प्रस्ताव एनएमसी /आर यू एच एस को भिजवाया जाएगा. इसी क्रम में रेजिडेंट डॉक्टर्स के कार्य बहिष्कार के दौरान उठाए गए अन्य समस्त बिंदुओं पर राज्य सरकार द्वारा सहानुभूति पूर्वक विचार किए जाने का निर्णय भी लिया गया, साथ ही इनसर्विस डॉक्टर के बॉन्ड की समय सीमा एवं राशि में शिथिलता के लिए चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग को सहानुभूति पूर्वक विचार किए जाने का प्रस्ताव भेजने का निर्णय भी लिया गया है. 

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