Osian: पशुओं में फैली लंपी स्किन बीमारी का प्रकोप बढ़ता ही जा रहा है. बुधवार को ओसियां उपखंड क्षेत्र और आसपास भी इस बीमारी से पीड़ित कई पशुओं ने दम तोड़ दिया. ऐसे में पशुओं के उपचार के लिए प्रशासन की ओर किए जा रहे प्रयास विफल साबित हो रहे हैं. नौसर और पल्ली में 19 और गायों ने दम तोड़ दिया, जबकि कई संक्रमित पशु खुले घूमते है, तो नौसर में खुले में भी मृत पशु पड़े है.  


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कस्बे में संक्रमित पशुओं का आंकड़ा 300 पार हो गया है और काफी पशु गंभीर स्थिति में हैं. संक्रमित पशुओं को आंकड़ा 300 के पार होने के बाद भी पशु विभाग गहरी नींद में सोया हुआ है. पशुपालकों द्वारा पशु चिकित्सक अधिकारी से संपर्क करने पर स्वास्थ्य ठीक नहीं का हवाला देकर फोन कॉल कट कर देते हैं. वहीं, पशु स्वास्थ्य केंद्र में भी उपचार नदारद है. 


एकमात्र एक कंपाउंडर ने भी अपना ट्रांसफर करवा लिया. ऐसे में पशुपालक निजी डॉक्टरों से मनमाने शुल्क पर पशुओं का इलाज करा रहे हैं. पशुपालकों का कहना है कि वैक्सीन के नाम पर 2 से 3 हजार रुपये लिए जा रहे हैं. वहीं, सरकार का कहना है कि लंपी का कोई वैक्सीन नहीं है. पशुओं के जरिए जीवन यापन करने वाले किसान आर्थिक संकट से जूझ रहे हैं. विकास खिलेरी ने बताया कस्बे में मृत गायों के ढेर खुले में पड़े हैं, जिससे संक्रमण फैलने का डर है. 


ओसियां कस्बे के विभिन्न मोहल्ले में मंगलवार को आठ और बुधवार को भी कुछ पशुओं की बीमारी से मौत हो गई. पशुओं के उपचार के लिए सामाजिक संगठन अपने स्तर पर प्रयास कर रहे हैं, लेकिन संक्रमण तेजी से बढ़ता जा रहा है. गोपाल गोशाला में गायों पर फिटकरी और नीम के पतों को पीस कर छिड़काव किया गया. 


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गोशाला समिति के सचिव भगवानदास राठी ने बताया कि क्षेत्र में बीते 15 दिनों से गायों की मौत का सिलसिला जारी है और संक्रमण नहीं थम रहा है. इस दौरान मुरलीधर चांडक, दिलीप सोनी, लूणाराम चौधरी, भंवरलाल शर्मा, मुकेश गिलड़ा, रोहित सोनी, पप्पू, डालाराम, धर्मेंद्र चौधरी, पेपराम मेघवाल सहित गोशाला स्टाफ मौजूद था. वहीं, बुधवार को भारत विकास परिषद ओसियां शाखा के सदस्यों की ओर से भी छिड़काव किया गया. 


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