Luni: राजस्थान के जोधपुर जिले के लूणी में कोरोनाकाल के 2 साल बाद खेजड़ली मेला भरा गया. पेड़ों की रक्षार्थ 292 वर्ष पूर्व 363 महिलाओं-पुरुषों के बलिदान को भादवे की दशमी को याद किया जाता है. वहीं दर्शनार्थियों के लिए मेला परिसर में सुगम व्यवस्था की गई. साथ ही हजारों लोगों ने यज्ञ में आहुतियां देकर मां अमृता देवी और अन्य की शहदात को नमन किया गया. 


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

वहीं रात्री जागरण के बाद सुबह हवन किया गया और पाहल बनवाया गया, जिसे हजारों लोगों ने यज्ञ में आहुतियां देने के बाद ग्रहण किया सुबह झंडारोहण के बाद मेला भरा गया, जिसमें राजस्थान के अलावा भी आस-पास में राज्यों के लोगों ने सिरकत की और मेले को प्लास्टिक मुक्त आयोजित किया गया. यही युवाओं की टोलियां मेले में लोगों को प्लास्टिक के नुकसान बताते हुए दिखाई दिए. 


मेले में विश्नोई टाइगर फोर्स द्वारा रक्त दान का भी आयोजन किया गया, जिसमें युवक और युवतियों ने रक्तदान किया. वहीं मेले में धर्म सभा का भी आयोजन किया गया, जिसमें लोगों को पर्यावरण बनाने का सकंल्प दिलवाया गया. सिर साटे रूंख रहे तो भी सस्तौ जाण, अर्थात् पेड़ बचाने के लिए यदि शीश भी कट जाता है तो यह सौदा सस्ता है. जोधपुर शहर से 28 किलोमीटर दूर खेजड़ली वो धरती है, जहां 15वीं सदी में विश्नोई समाज प्रर्वतक गुरु जम्भेश्वर के 29 नियमों की सदाचार प्रेरणा से 363 महिला-पुरुषों ने पर्यावरण संरक्षण को अपना धर्म मानते हुए 290 वर्ष पूर्व सन 1730 में अपने प्राणों का बलिदान किया.


यह भी पढ़ें - Rajasthan Weather : बाढ़ के बाद अब उबल रहा राजस्थान, मौसम विभाग के मुताबिक 8 सिंतबर के बाद बदलेंगे हालात


कोरोना महामारी सहित सैकड़ों प्राकृतिक आपदाओं के संकट की परिस्थिति में गुरु जम्भेश्वर के वन और वन्यजीवों को संरक्षण देने का संदेश आज भी प्रासंगिक है. गांव-ढाणियों में अमृतदेवी उपवन-वाटिका महाभियान प्रकृति संरक्षण को महत्व देने वाले गुरु जम्भेश्वर के बताए 29 नियमों में जीव दया पालणी, रूंख लीलौ नहि घावै और अमृतदेवी का एक नारा सिर सांठै रूंख रहे तौ भी सस्तौ जाण का अनुसरण विश्नोई समाज सदियों से करता आ रहा है.


जोधपुर की अन्य खबरें पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें


खबरें और भी हैं...


राजस्थान सरकार की विफलताओं के लिए भाजपा निकालेगी जन आशीष पदयात्रा, पुनियां होंगे शामिल


सांसद रंजीता कोली के करीबी कृपाल जघीना की गोली मार कर हत्या, डीआरयूसीसी मेम्बर थे कृपाल


झुंझुनूं: उप राष्ट्रपति जगदीप धनखड़ आएंगे पैतृक गांव किठाना, अलर्ट मोड पर प्रशासन