अब 4 महीने तक शादी ब्याह के लिए करना होगा इंतजार, जानें क्यों ?
Chaturmas 2022 : चार्तुमास के दौरान कोई शुभ काम नहीं किया जाता लेकिन फिर भी जुलाई के इस दूसरे सप्ताह में कुछ शुभ मुहूर्त है लेकिन ये सिर्फ खरीदारी के लिए शुभ बतायें गये हैं. जैसे जुलाई के दूसरे सप्ताह में वाहन, मकान या अन्य प्रॉपर्टी की खरीदारी के लिए 13 और 17 जुलाई का दिन शुभ है.
Chaturmas 2022 : जुलाई 2022 का दूसरा सप्ताह आज से शुरू हो गया है. सप्ताह का पहला दिन चातुर्मास से शुरु हुआ है. 10 जुलाई से 16 जुलाई तक इस सप्ताह में पहले की तरह विवाह, मुंडन, गृह प्रवेश, उपनयन संस्कार आदि जैसे मांगलिक कार्यों के लिए शुभ मुहूर्त नहीं हैं. लेकिन आप सप्ताह के दो दिन मकान, वाहन, दुकान, प्लॉट, फ्लैट आदि खरीद सकते हैं. आज से अगले चार महीने तक मांगलिक कार्यों के लिए शुभ मुहूर्त नहीं होने के चलते इन पर रोक रहेगी. आपको बता दें कि देवशयनी एकादशी तिथि 9 जुलाई, शनिवार को शाम 4 बजकर 39 मिनट पर प्रारंभ हुई और इसका समापन 10 जुलाई यानि कि आज रात 12 बजकर 45 मिनट पर होगा. देवशयनी एकादशी व्रत का पारण 11 जुलाई, सोमवार को सुबह 5 बजकर 8 बजकर 17 मिनट है.
पूजन विधि
देवशयनी एकादशी के दिन व्रत करने वाले जातक की मनोकामनाएं पूरी होती हैं. इस दिन प्रात: काल उठकर स्नान करें और हाथ में जल लेकर व्रत का संकल्प लिया जाता है. इसके बाद मंदिर की साफ सफाई करके भगवान विष्णु की मूर्ति स्थापित की जाती है. इस दिन विष्णु भगवान की शयन निद्रा वाली तस्वीर लगाना शुभ माना जाता है. इसके बाद भगवान का पूजन और आरती कर अगले दिन व्रत का पारण और दान पुण्य होता है.
वैसे तो चार्तुमास के दौरान कोई शुभ काम नहीं किया जाता लेकिन फिर भी जुलाई के इस दूसरे सप्ताह में कुछ शुभ मुहूर्त है लेकिन ये सिर्फ खरीदारी के लिए शुभ बतायें गये हैं. जैसे जुलाई के दूसरे सप्ताह में वाहन, मकान या अन्य प्रॉपर्टी की खरीदारी के लिए 13 और 17 जुलाई का दिन शुभ है. इस दिन आप चाहें तो प्रॉपर्टी की खरीदारी कर सकते हैं या उसके लिए बयाना दे सकते हैं. इस माह के अगले सप्ताहों में भी इसके लिए मुहूर्त हैं. जुलाई 2022 में विवाह, मुंडन , गृह प्रवेश और जनेऊ संस्कारों के लिये कोई मुहूर्त नहीं हैं. ऐसे में आपको चार महीने का इंतजार करना पड़ेगा.
4 महीने तक नहीं हो सकेंगे मांगलिक कार्य जानें क्यों ?
आज 10 जुलाई से चातुर्मास का शुरू हो गया है. यह देवशयनी एकादशी के दिन से शुरु होता है. इस दिन से जगत के पालनहार भगवान विष्णु चार माह के लिए योग निद्रा में चले जाते हैं. उनकी अनुपस्थिति में भगवान शिव इस सृष्टि के पालनहार और संहारक का काम करते हैं. चातुर्मास में भगवान विष्णु के योग निद्रा में होने से सभी मांगलिक कार्यों पर रोक लग जाती है. देवउठनी एकादशी को वे योग निद्रा से बाहर आएंगे और तब फिर से मांगलिक कार्य शुरु हो जाते हैं. देवउठनी एकादशी के बाद से विवाह, मुंडन, गृह प्रवेश आदि के लिए शुभ मुहूर्त माने जाते हैं.
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( दी गई जानकारी का हम दावा नहीं करते. विस्तृत और अधिक जानकारी के लिए संबंधित क्षेत्र के विशेषज्ञ की सलाह जरूर लें।)
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