Rajasthan New District:  कई दशकों के संघर्ष के बाद फलोदी को जिला बनाने का निर्णय आया है. अब दूरस्थ क्षेत्रों में रहने वाले लोगों और जरूरतमंदों को और भी अधिक लाभ और आसानी होगी. दूरस्थ क्षेत्रों में रहने वाले लोगों के लिए यह बेहद महत्वपूरण कदम माना जा रहा है. जानकारी के लिए बता दें कि फलोदी को जिला बनाने के बाद जरूरतमंदों के लिए दीर्घकालीन विकास की योजनाएं भी बनाई जाएगी. जिसके बाद लोगों को लाभ होगा. आज हम अओको इस आर्टिकल में बताते हैं फलोदी को जिला बनाने के बाद क्या क्या फायदा होगा, जानिए वो भी विस्तार से...


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फलोदी जिले के गठन के बाद, राजस्थान सरकार ने जिलों के पुनर्सीमांकन और समीक्षा के लिए एक समिति गठित की, जिसके अध्यक्ष ललित के पंवार हैं. इस समिति के सामने विभिन्न समाज के व्यक्तियों, जनप्रतिनिधियों, एनजीओ, सामाजिक कार्यकर्ताओं और राजनैतिक पार्टी के प्रतिनिधियों ने फलोदी जिले को कायम रखने के लिए प्रतिवेदन प्रस्तुत किए हैं.


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जिला रिव्यू कमेटी के अध्यक्ष डॉ. ललित पंवार ने फलोदी जिले के जिला कलक्टर कार्यालय और पुलिस अधीक्षक कार्यालय का निरीक्षण किया. इस दौरान उन्होंने दोनों कार्यालयों में मौजूद सुविधाओं का निरीक्षण किया और जिले की प्रशासनिक और पुलिस स्थिति की जानकारी प्राप्त की.



भाजपा नेता माधुसिंह देवड़ा और दशक के मुरारीलाल थानवी ने फलोदी जिले के विकास के लिए महत्वपूर्ण सुझाव दिए हैं.


माधुसिंह देवड़ा के सुझाव:


- फलोदी जिले का सीमांकन बढ़ाने का सुझाव दिया है.
- पूर्व में गठित जिले के सीमांकन में रही विसंगतियों को दूर करने का सुझाव दिया है.


मुरारीलाल थानवी के सुझाव:


- कई दशकों के संघर्ष के बाद फलोदी जिला बना है, इसलिए इसे बनाए रखने का समर्थन किया है.
- जिला बना रहेगा तो दूरस्थ क्षेत्र के निवासियों व जरूरतमंदों के लिए दीर्घकालीन विकास की योजनाएं बनेंगी.
- सभी लोगों को जिले के विकास से लाभ होगा.



कांग्रेस नेता प्रकाश छंगाणी और अन्य संगठनों के प्रतिनिधियों ने फलोदी जिले को यथावत रखने के लिए प्रतिवेदन प्रस्तुत किए हैं. इन प्रतिवेदनों में निम्नलिखित बिंदु शामिल हैं:


- फलोदी जिले की भौगालिक स्थिति और परिस्थिति को देखते हुए जिले को यथावत रखने का समर्थन किया गया है.
- कांग्रेस सरकार द्वारा घोषित जिले को बदलने का विरोध किया गया है.
- एडवोकेट संघ, अखिल भारतीय जांगिड़ ब्राह्मण महासभा, दमामी समाज और अन्य संगठनों के प्रतिनिधियों ने जिले को सीमान्त जिला बरकरार रखने का प्रतिवेदन दिया है.
-पार्षद अशोक व्यास और अन्य स्थानीय नेताओं ने भी जिले को बनाए रखने के लिए प्रतिवेदन दिया है।


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