Barmer: तौकते चक्रवात के बीच से बाड़मेर जिले के गुडामालानी से वरिष्ठ कांग्रेसी विधायक हेमाराम चौधरी के इस्तीफे के बाद उठे सियासी तूफान ने जोर पकड़ लिया है. हेमाराम के साथ ही पचपदरा के विधायक मदन प्रजापत का भी दर्द छलक उठा है. उन्होंने बाड़मेर जिला व पुलिस प्रशासन पर उनकी बात नहीं सुनने का आरोप लगाते हुए (बिना नाम लिए हुए) राजस्व मंत्री हरीश चौधरी पर भी गंभीर आरोप लगाए हैं.


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दरअसल, 6 बार से गुडामालानी से कांग्रेसी विधायक हेमाराम चौधरी ने सरकार द्वारा अनदेखी व उनके काम नहीं होने से आहत होकर इस्तीफा दे दिया. इसके बाद पूरे प्रदेश भर में सियासी तूफान खड़ा हो गया है. इसके साथ ही, गहलोत सरकार व उसके मंत्रियों के खिलाफ कांग्रेसी विधायकों का दर्द छलक कर बाहर आने लग गया है.


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पचपदरा से कांग्रेसी विधायक मदन प्रजापत ने जिला कलेक्टर व पुलिस अधीक्षक पर सिर्फ राजस्व मंत्री हरीश चौधरी कि बात सुनने का आरोप लगाया. गुड़ामालानी विधायक हेमाराम चौधरी की स्थिति को लेकर पचपदरा विधायक मदन प्रजापत ने कहा, 'वह बहुत ही भावुक इंसान है, उनके इस्तीफे के पीछे किसी भी प्रकार का कोई स्वार्थ नहीं है. मुझे पूरा भरोसा है कि वह हमारे हाईकमान की बात मानेंगे.' 


उन्होंने राजस्व मंत्री हरीश चौधरी, बाड़मेर जिले के प्रभारी मंत्री सुखराम बिश्नोई पर भी कमलेश प्रजापत एनकाउंटर मामले की मुख्यमंत्री के सामने पैरवी नहीं करने का आरोप लगाया. विधायक मदन प्रजापत ने कहा कि एक कंपाउंडर की ट्रांसफर को लेकर मंत्री प्रशासन पर दबाव बना देते हैं. उनकी सैलरी बायतु विधानसभा क्षेत्र से उठती है, अगर वह चाहें तो पचपदरा व नाहटा अस्पताल के सभी डॉक्टर को अपने क्षेत्र में भले ही लगा दें.


उन्होंने कहा है कि अधिकारी दबाव में निर्णय लेने के बजाय स्वतंत्र निर्णय लें तो सबके लिए अच्छा होगा. उन्होंने कहा कि कोरोना महामारी की विकट परिस्थितियों में कोई इस्तीफा शौक से नहीं रहता है बल्कि आहात होकर दिया है. मंत्री को जिले के सभी विधायकों को साथ लेकर चलना चाहिए.
 
विधायक मदन प्रजापत ने बिना नाम लिए इशारों-इशारों में राजस्व मंत्री पर आरोप लगाते हुए कहा, 'पचपदरा रिफाइनरी के लिए पूरे जोधपुर संभाग में संघर्ष हुआ था. लेकिन आज अखबारों के माध्यम से रिफाइनरी को पाटोदी के साभरा में बताया जा रहा है, जबकि हमने तो कभी पाटोदी का साभरा नहीं सुना था और धीरे-धीरे कहेंगे यह तो बायतु का साभरा है. पहले अस्पताल बनाने का निर्णय हुआ, अब उसको दूसरी जगह कर रहे हैं.'


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उन्होंने कहा, 'पचपदरा के पटवारी को पहले हटाया फिर उसको ही एपियो किया, अब वहां आरआई को लगाया तो यह पहले ही बोल चुके हैं, पटौदी का सांभरा है तो पचपदरा में किस बात का तखल कर रहे हैं. इतने बड़े आदमी होते हुए भी इतनी छोटी सोच रखते हैं.


वहीं, विधायक हेमाराम चौधरी के इस्तीफे व पचपदरा विधायक मदन प्रजापत द्वारा राजस्व मंत्री पर लगाए गए गंभीर आरोपों के बाद अब भाजपा को गहलोत सरकार को घेरने के लिए मुद्दा मिल गया है. भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया व विधानसभा नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया ने भी गहलोत सरकार व कांग्रेस पार्टी पर कई सवाल खड़े किए हैं.


(इनपुट-भूपेश आचार्य)