Rajasthan- होली पर यहां गीत नहीं गालियों से शुरू होता है फागोत्सव, आखिर क्या है इसका सीक्रेट
Fagotsav 2024: साधारणतया होली का नाम आते ही हमारे मन में रंग और पिचकारी की उमंग दौड़ उठती है. इन होली से इतर एक होली ऐसी भी है जिसमें अश्लील गालियां देने की परंपरा कई पीढ़ियों से चली आ रही है.
Fagotsav 2024: साधारणतया होली का नाम आते ही हमारे मन में रंग और पिचकारी की उमंग दौड़ उठती है. लोग होली के पावन त्यौहार को अपने अपने रिवाज के अनुसार मनाते है. जैसे बरसाने में लठमार होली और कपड़ा फाड़ होली है. इन होली से इतर एक होली ऐसी भी है जिसमें अश्लील गालियां देने की परंपरा कई पीढ़ियों से चली आ रही है.
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इस होली की खासियत है कि इसमें गलियां भले ही अश्लील होती है, लोकिन किसी प्रकार की किसी की निजता की बात नहीं हौती है. यह खासियत होली का आनंद जोधपुर जिले के फलोदी में देखने को मिलता है. यहां होली के दूसरे दिन धुलेंडी को हर उम्र- जाती वर्ग के लोग बड़े उत्साह के साथ भाग लेकर मनाते है. इसमें काफिले के रूप में शहर के मुख्य मार्गो पर अश्लील गालियां बोलते हुए होलियारों की टोली निकलती है, जिसे फलोदी में गैर के नाम से जाना जाता है. *अश्लील गालिया बोलती है गैर*_
इतना ही नहीं, गैर की अश्लील गालिया सुनने का रिवाज कई पुरानी सदियों से चलता आ रहा है. इस आयोजन में महिलाएं 'गैर' पर खुशी- खुशी पानी और गुलाल मारती है तो वही गैर की दूसरी टुकड़ी का घर घर स्वागत भी किया जाता है. गैर में एक ग्रुप भजन कीर्तन का होता है तो दूसरा ग्रुप अश्लील गालिया बोलनेवालों का होता है. गैरियो से पूछने पर उन्होंने बताया की, ' गैर में पानी की मार पीठ पर खाने से समस्त रोगो का नाश होता है साथ ही पूरे वर्ष शरीर स्वस्थ रहता है.'
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