Rajasthan Weather Update: मानसून आगमन के साथ ही मरुधरा के मौसम में हर रोज बदलाव हो रहा है. लगातार मौसम के मिजाज में बदलाव देखा जा रहा है. कुछ जगहों पर झमाझम बारिश का दौर जारी है. भले ही भारी बारिश से लोगों को भीषण गर्मी से राहत मिली है लेकिन कई जगहों पर बाढ़ के हालात बन गए हैं. 


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गांव तो गांव, शहरी इलाकों में भी भारी बारिश से आम जनजीवन पूरी तरह से अस्त-व्यस्त हो चुका है. लोगों को घरों से बर निकलने में परेशानी हो रही है. मौसम विज्ञान केंद्र जयपुर की जानकारी के मुताबिक, आज 1 जुलाई सोमवार को राजस्थान के झुंझुनूं, सीकर, चूरू, नागौर, जयपुर, अलवर, धौलपुर, भरतपुर, बीकानेर आदि जिलों में आकाशीय बिजली के साथ मेघगर्जन और बारिश का अलर्ट जारी किया गया है. इन जगहों पर 20 से 30 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से तेज हवाएं चल सकती हैं.



गुलाबी नगरी जयपुर में रुक रुक कर बारिश हो रही है. 2 जुलाई तक अति भारी बारिश की चेतावनी मौसम केंद्र ने जारी कर रखा है. आज प्रदेश के कई जिलों में येलो ऑरेंज अलर्ट है. राजस्थान के कई जिलों में मौसम विभाग ने तेज अंधड़, आकाशीय बिजली के साथ बारिश की चेतावनी जारी की गई है. मानसून की दस्तक के बाद से लोगों के चेहरे पर मुस्कान छा गई है.अलग-अलग जगह से जल भराव की तस्वीरें सोशल मीडिया पर वायरल हो रही हैं. राजस्थान में लगातार बारिश के चलते तापमान में भी अच्छी खासी गिरावट दर्ज की गई.



आने वाले दिनों में मानसून के आगे बढ़ाने के लिए परिस्थितियों भी पूरी तरह से अनुकूल हैं. राजस्थान में लगातार बारिश के चलते तापमान में भी अच्छी खासी गिरावट दर्ज की गई. बता दें कि राजस्थान में दक्षिणी पश्चिमी मानसून का असर जमकर बरस रहा है, जिसके चलते कई इलाकों में जल भराव की स्थिति देखी जा रही है. 



 भीषण गर्मी से जूझ रहे राजस्थानवासियों के लिए मानसून तापमान में अच्छी खासी गिरावट लेकर आया है. मौसम विभाग ने आने वाले दिनों में मानसून के जोरदार तरीके से एक्टिव होने के आसार जताए हैं. प्रदेश में मानसून की धमाकेदार एंट्री से तापमान में गिरावट दर्ज हो रही है. 



मौसम विभाग ने जारी किए विशेष दिशा-निर्देश
बारिश और आंधी-तूफान का ऑरेंज-येलो अलर्ट जारी करने के साथ ही मौसम विभाग ने आमजन के लिए विशेष दिशा-निर्देश जारी किए हैं. मौसम विभाग के मुताबिक, मेघगर्जनके समय किसी सुरक्षित स्थान की शरण लें. पेड़ों के नीचे कतई न जाएं. घर के इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों के प्लग को निकालकर रख दें. बिजली के पोल, कच्चे घरों के आसपास न जाएं.