Damami Samaj Hindu Or Muslim: प्रदेश में एक नहीं बल्कि कई ऐसी जातियां, उपजाति जिन्हें आरक्षित सूची में अन्य पिछड़ा वर्ग में तो रखा, लेकिन यह जाति भले ही जन्म से हिंदू है, लेकिन सरकारी कारिंदों ने इन्हें गैर हिंदू और मुस्लिम करार दे दिया है. सामाजिक न्याय यवः अधिकारिता विभाग की सूची के क्रम संख्या 10 पर अंकित नगारची, दमामी, राणा, बायती बारोट जाति को मुस्लिम दर्शया गया है. अब इन जाति से जुड़े लोग अपने धर्म और जाति की पहचान के लिए संघर्ष करने को मजबूर है. 


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प्रदेश में आरक्षण जाति सूची में राजस्थान सरकार ने 1994 में दमामी, नगारची को अन्य पिछड़ा वर्ग श्रेणी कॉलम संख्या 10 पर अंकित है. सरकार ने 1998 में इनके साथ राणा और बरोट जाति को भी इसमे शामिल कर दिया. 


राज्य सरकार ने 2013 में इसके आगे मुस्लिम गैर हिंदू शब्द जोड़कर जन्म से हिंदू को यू कहे मुस्लिम करार देकर इस जाति की पहचान ही खत्म कर दी. अब जब यह जन्म से संस्कारों, रीति रिवाज परंपराओं से भले ही हिंदू हैं, लेकिन सरकारी दस्तावेज में यह मुस्लिम कैसे बन गए, अब इन जातियों के सामने न केवल अपनी जाति और धर्म का संकट खड़ा हुआ है, बल्कि अपनी पहचान के लिए संघर्ष करने को भी मजबूर है. 


यही नहीं समाज से जुड़ा एक संगठन रणधवल राजपूत संगठन इसको लेकर संघर्ष कर रहा है कि सरकार ने उनकी जाति की पहचान के साथ धर्म ही बदल दिया है. ऐसे में जन्म से हिंदूं संस्कारों को करने वाली जाति को मुस्लिम कैसे बना दिया. अब यह जातीय अपने आगे जुड़े मुस्लिम गैर मुस्लिम शब्द को हटाकर पुनः हिंदू करने की मांग कर रहे है, बल्कि इसके साथ ही दमामी के साथ ढोली शब्द से जोड़कर ओबीसी से एससी में लाने को भी सरकार के इस निर्णय का विरोध कर इसे सरकार का जाति की पहचान खत्म करने के षड्यंत्र का आरोप लगा रहे हैं. इनका दावा है कि दमामी एक राजपूत जाति है, इनका एक गौरवशाली इतिहास भी है. इन जातियों के टुकड़ों में होने से इनका असितत्व खत्म होने के कगार पर है. 


Reporter- Bhawani Bhati


 


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