Karauli news: राजस्थान के करौली जिले के मासलपुर तहसील के गांव नारायण निवासी एक परिवार के पांच बच्चों के सिर से माता-पिता का साया उठ गया. बच्चों के लिए करौली विधानसभा क्षेत्र से बसपा के उम्मीदवार एडवोकेट रविन्द्र मीना सच्चे हमदर्द बनकर सामने आए हैं. बसपा उम्मीदवार मीना ने सभी पांच बच्चों की पढ़ाई की जिम्मेदारी लेते हुए उन्हें पंच-पटेलों के बताए अनुसार आर्थिक सहायता भी प्रदान की है. इसके साथ सभी पेंच बच्चों के लिए अपनी ओर से मासिक पेंशन भी शुरू की है. 


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बसपा के जिलाध्यक्ष जमनालाल जाटव ने बताया कि नारायणा गांव के निवासी सुमन जाटव (42) का करीब 4 दिन पहले सिलिकोसिस बीमारी से पीड़ित होने के कारण निधन हो गया था. करीब एक वर्ष पहले सुमरन जाटव की पत्नी नरेश बाई का भी बीमारी से निधन हो गया था. ऐसे में उनके 5 बच्चे भावना (16), रवि (14), संजना (12), शनि (10 )और छोटी (6) पर बाल उम्र में ही दुखों का पहाड़ टूट पड़ा. नारायणा गांव के प्रमुख लोगों ने इसकी जानकारी बसपा उम्मीदवार एडवोकेट रविन्द्र मीना को दी, जिस पर वे मंगलवार को नारायणा गांव पहुंचे और पांचों बच्चों को अपने गले से लगा कर दुलार दिया. आस-पडौस के लोगों ने बताया कि सबसे बड़ी बेटी भावना आठवीं कक्षा में पढ़ती थी, लेकिन आर्थिक कमजोरी के कारण उसकी पढ़ाई छूट गई. अन्य भाई बहिन भी स्कूल नहीं जा पा रहे हैं. 


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इस पर बसपा उम्मीदवार रविन्द्र मीना ने पांचों बच्चों की पढ़ाई की जिम्मेदारी ली. इसके साथ एक-एक हजार रुपए प्रति बच्चे अनुसार 5 हजार रुपए प्रति माह की पेंशन भी प्रारंभ की. पहली पेंशन के 5 हजार रुपए हाथों-हाथ प्रदान किए. इसके अलावा पंच पटेलों के बताए अनुसार 51 हजार रुपए सहायता बतौर प्रदान किए गए. इस पर स्वर्गीय सुमरन जाटव के भाई अशोक जाटव, जगजीवन जाटव, शिवचरण जाटव सहित गांव के सभी लोगों ने रविन्द्र मीना का आभार व्यक्त करते हुए धन्यवाद दिया. बसपा उम्मीदवार रविन्द्र मीना ने ग्रामीण पंच पटेलों के साथ बैठकर नारायणा गांव के विकास पर भी विस्तार से चर्चा की. 


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इस मौके पर पूर्व सरपंच बच्चू सिंह, रूपसिंह मीणा, युवा नेता पंकज मीणा, रामजीलाल जाटव, कृपाल मीणा, आदि ने गांव के विकास के संबंध में कई सुझाव दिए. गौरतलब है कि गुवरेड़ा ग्राम पंचायत के गांव कसारा में भी 7 बच्चों के सिर से पिता का साया उठ गया था, जिस पर रविन्द्र मीना कसारा गांव पहुंचे थे और स्वर्गीय जगन्नाथ मीना की पत्नी को आर्थिक मदद के साथ बच्चों की पढ़ाई की जिम्मेदारी ली थी.