Sangod: भीषण गर्मी के चलते घरों में पंखे गर्म हवा फेंक रहे हैं. इस स्थिति में सिर्फ कूलर या एसी की हवा ही लोगों को राहत पहुंचा रही है लेकिन, लोगों की यही राहत उनकी परेशानी और जेब पर बोझ भी बढ़ा रही है. घरों में दिन-रात कूलर चल रहे हैं. इससे पानी की खपत बढ़ गई है. गर्मी से राहत के लिए घरों में कूलर-एसी का उपयोग ज्यादा होने से बिजली का अतिरिक्त भार भी लोगों की जेब पर डाका डाल रहा है.


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दिन में आसमान से उगलती आग और लू के थपेड़े से राहत के लिए ठण्डी हवा जरूरी है. वहीं, रात को बेचैन करने वाली उमस में इसके अलावा कोई दूसरा विकल्प नहीं है. यही वजह है कि भीषण गर्मी साथ ही बिजली संकट में कूलर बिजली के साथ पानी के बैरी बन गए. घरघर पानी की खपत बढ़ने और बिजली की डिमांड के कारण दोनों ही व्यवस्थाएं गड़बड़ाने लगी हैं. इन दिनों क्षेत्र में पारा 43 डिग्री के पार चल रहा है.


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इसके चलते कूलर में पानी की खपत भी दोगुनी हो गई है. यानी जितनी जरूरत प्रति व्यक्ति को है उसकी आधे से ज्यादा पानी कूलर गटक रहे हैं. गर्म हवा फेंकते पंखों की बजाय कूलर मध्यम और निम्न मध्यम वर्गीय परिवार की राहत का जरिया है. इसलिए बिजली की खपत भी बढ़ गई है.


बिना कूलर-एसी नहीं आराम 


इन दिनों आग उगल रही सूर्यदेव की किरणें और गर्म हवाओं से घरों के कमरे भी गर्म होने लगे है. शाम होते-होते तो घरों में बिना कूलर-एसी के लोगों को राहत नहीं मिल पा रही. पंखे गर्म हवा फेंकते हैं. घरों में सुकून से रहना है तो मजबूरन लोगों को कूलर और एसी चालू रखने पड़ रहे हैं. पहले दिन में दो से तीन घंटे चलने वाले कूलर पांच से छह घंटे तो रात में दस बजे बाद चलने वाले कूलर आठ बजे बाद ही चलने लग जाते हैं.


यूं बढ़ रही पानी की खपत


सामान्य गर्मी में अमूमन एक कूलर को रोज 40 लीटर पानी चाहिए लेकिन, इन दिनों गर्मी के चलते कूलर में पानी की खपत बढ़ गई है. दिन में एक बार भरने वाला कूलर कई घरों में दो बार भरना पड़ रहा है. एक घर में दो से तीन कूलर हैं तो जिनती जलापूर्ति हो रही है उसका आधा तो कूलर पी रहे हैं. इन दिनों शहर में सुबह के समय कटौती हो रही है. ऐसे में अधिकांश इलाकों में पर्याप्त पानी नहीं पहुंच रहा. जिससे समस्या बढ़ रही है.


तेजी से घूम रहा मीटर


घरों में कूलर-एसी ज्यादा चलने से बिजली का मीटर भी तेजी से और ज्यादा घूम रहा है. दिनभर कूलर-एसी चलने से घरों में बिजली की खपत भी बढ़ गई है. एक तरफ कोयला संकट के बीच बिजली की कमी तो दूसरी तरफ एसी-कूलर से बिजली का भार बढ़ने से बिजली खपत भी बढ़ गई है. वहीं, इसका नुकसान लोगों की जेब पर भी होने वाला है. इस महीने का बिजली का बिल भी लोगों की जेब ज्यादा ढीली कर सकता है.