Pipalda  : राजस्थान के कोटा के सुल्तानपुर में बाढ़ के बाद हालात सामान्य होने शुरू हो गये है,  लेकिन पानी उतरने के बाद घरों से लेकर खेतों तक भारी नुकसान दिख रहा है. बाढ़ग्रस्त इलाकों में लोग अपने घरों के सामान को संभालने में जुटे है. जहां लोगों की चहल-पहल रहती थी, वहां मिट्टी के ढेर लगे नजर आ रहे ह.


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कोटा के दीगोद उपखण्ड क्षेत्र में 900 के करीबन लोगों के आशियाने बाढ़ में ढह गए. बाढ़ का पानी उतरते ही गांवों की जो तस्वीर देखने को मिली, वो काफी विचलित करने वाली थी. कच्चे मकान ढह गए घरों में पानी घुसने से लोगों के कपडे़, अनाज, सहित अन्य सामान बह गया.


मदद को आगे आए ओम बिरला
बाढ़ पीड़ितों की मदद के लिए लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला की तरफ से बाढ़ प्रभावित इलाकों में राशन किट बांटे गये. स्पीकर बिरला लगातार फोन के जरिए सामाजिक कार्यकर्ताओं से हालातों की जानकारी ले रहे हैं. बिरला ने सामाजिक कार्यकर्ताओं से बाढ़ प्रभावित परिवारों को तत्काल मदद पहुंचाने का आह्वान किया है. जहां लोकसभा अध्यक्ष के निर्देश पर कार्यकर्ताओं की टीम बाढ़ प्रभावित इटावा, सुल्तानपुर और बूंदी जिले के केशोपाटन में पीड़ित परिवारों को चिन्हित कर राशन सामग्री वितरित करेगी.


कोटा जिला सहकारी उपभोक्ता होलसेल भंडार लि. के चेयरमैन हरिकृष्ण बिरला ने इटावा और सुल्तानपुर क्षेत्र में बाढ़ ग्रस्त क्षेत्रों का दौरा किया और हालातों का जायजा लिया. बिरला ने कहा कि अतिवृष्टि के कारण अधिकतम क्षेत्रों की फसल नष्ट हो चुकी है, कई कच्चे मकान गिरे हैं.


बाढ़ ग्रस्त इलाकों के दौरे के दौरान पंचायत समिति प्रधान कृष्णा शर्मा, पंचायत समिति सदस्य नीतू मेरोठा, प्रेरणा गौतम, भाजपा नेता सतपाल सिंह मान, प्रेम गोचर, राकेश सनाढय, हिमांशु कौशिक, हनुमान मेरोठा, हेमन्त पारेता और राजकुमार नंदवाना मौजूद रहे.


खाने को भी नहीं बचा अनाज
ओम बिरला ने क्षेत्र में आधा दर्जन से अधिक गांवो में बाढ़ पीड़ितों के बीच जाकर उनकी पीड़ा सुनी. पीड़ितों ने बताया कि घरों में रखा सारा सामान खराब हो गया. नदी का पानी उतरने के बाद लोग घरों में पहुंचे, तो उनका घर में घुसना ही मुश्किल हो रहा था. यहां भी लोग अपने परिवार के साथ सफाई करने और सामान को संभालने में जुटे रहे. ओम बिरला और पंचायत समिति प्रधान ने अति बाढ़ग्रस्त परिवारों के ऊंचे स्थानों पर पुनर्वास करवाने का भी आश्वासन दिया.


रिपोर्टर- हिमांशु मित्तल


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