Baran : काली सिंध नदी के उफान के कारण लगभग आधा किलोमीटर की इंटेकवाल पूरी तरह से नष्ट हो गईं, वाटर पम्प से फिल्टर प्लांट तक डाली गईं. पाइप लाइन टूट कर पानी मे बह जजाने से पीने के पानी की सप्लाई बंद हो गईं.
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Baran : राजस्थान के बारां जिले के अंता मे काली सिंध नदी में आए उफान से 2017 में चालू हुआ नागदा बलदेवपुरा पेयजल योजना का 57 करोड़ लागत का प्रोजेक्ट तहस नहस हो गया है. ऐसे मे कस्बे सहित 42 गांवो के लोगों के सामने पेयजल का खतरा मंडराने लगा है और बाढ के बाद लोगों को पेयजल संकट का सामना करना पड़ रहा है, कम से कम दो माह तक पेयजल योजना दुरूस्त होने की संभावना नजर नहीं आ रही है.
काली सिंध नदी के उफान के कारण लगभग आधा किलोमीटर की इंटेकवाल पूरी तरह से नष्ट हो गईं, वाटर पम्प से फिल्टर प्लांट तक डाली गईं. पाइप लाइन टूट कर पानी मे बह जजाने से पीने के पानी की सप्लाई बंद हो गईं. वही फिल्टर प्लांट पानी से जलमग्न हो जाने से प्लांट मे मौजूद मशीनरी खराब हो चुकी है. ऐसे मे 42 गांवो के लोगो के सामने पीने के पानी की समस्या खडी हो गई है.
नागदा बलदेवपुरा प्लांट काली सिंध नदी के नजदीक बना होने के कारण ये पानी से जलमग्न हो गया था. जिससे पानी को फिल्टर करने के उपकरण सहित कई अन्य सामान खराब हो गया. हालात ये ही की फिलहाल काली सिंध नदी का पानी तो उतर गया है लेकिन बर्बादी पीछे छोड़ गया है. अब इस प्लांट को वापस सुचारु करने मे कई महीने लग सकते है. ऐसे मे 42 गांवों के लोगों की प्यास बुझाने के लिए फिलहाल कोई वैकल्पिक व्यवस्था करनी होगी. जिसपर प्रोजेक्ट अधिशाषी अभियंता मनीष भट्ट के मुताबिक विचार चल रहा है.
रिपोर्टर- राम मेहता
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