Rajsamand News: साल 2008 के परिसीमन के बाद अस्तित्व में आई राजसमंद लोकसभा सीट पर इस बार चौथी बार चुनाव होने जा रहा है. राजस्थान में बीजेपी के लिए इस लोकसभा को सबसे सुरक्षित सीट माना जाता रहा है क्योंकि इस लोकसभा की 8 विधानसभा सीटों पर बीजेपी का कब्जा है. फिलहाल इस सीट पर कांग्रेस संघर्ष कर रही है.


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राजसमंद संसदीय सीट परिसीमन के बाद 2009 में अस्तित्व में आई तब से अब तक यहां एक बार कांग्रेस और दो बार भाजपा के प्रत्याशी जीते हैं हालांकि जाति में ये तीनों ही राजपूत हैं. इस चुनाव में भारतीय जनता पार्टी से महिमा विशेश्वर सिंह और कांग्रेस से डॉ. दामोदर गुर्जर प्रमुख उम्मीदवार हैं. राजसमंद लोकसभा क्षेत्र में यूं तो स्थानीय मुद्दे कई है लेकिन यहां पर मेवाड़ के पूर्व राजपरिवार की बहु का मान रखने की बात कुछ ज्यादा हावी हैं. राजसमंद लोकसभा क्षेत्र में चुनावी लड़ाई पूर्व राजपरिवार और किसानों के बीच मुकाबले का रूप भी लेती जा रही है.


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बीजेपी अपनी जीत सुनिश्चित मान कर चल रही
सामान्य श्रेणी की इस संसदीय सीट पर बीजेपी के चुनावी प्रचार में पूरी तरह से राष्ट्रीय मुद्दों और मोदी फैक्टर को आगे रखा है लेकिन मेवाड़ के राजपरिवार से होने से महिमासिंह के प्रति स्थानीय नागरिकों में खासतौर से राजपूत, रावत, ब्राह्मण वर्ग की गोलबंदी है. इस लोकसभा की सभी 8 विधानसभा सीटों पर बीजेपी के ही विधायक हैं, जिसके चलते बीजेपी अपनी जीत सुनिश्चित मान कर चल रही है. तो वहीं कांग्रेस इसी को उनको खिलाफ मुद्दा बना रही है.


पहले चरण के मतदान के बाद बीजेपी सतर्क हो गई
बीजेपी को यहां चुनौती कांग्रेस से ज्यादा पार्टी के नेताओं और कार्यकर्ताओं की निष्क्रियता से मिल रही है. बड़े नेताओं के दौरे के बावजूद जमीन स्तर पर कार्यकर्ता शांत है. वहीं, लोकसभा चुनाव के पहले चरण के मतदान के बाद बीजेपी सतर्क हो गई है. यही कारण है कि चुनाव प्रचार के बीच प्रदेश के मुख्यमंत्री राजसमंद में कार्यकर्ताओं की बैठक लेने पहुंचे.