Rajasthan News: डीडवाना जिले के नावां के कुचामन में  खिलाड़ियों ने खेल का प्रदर्शन कर राष्ट्रीय खेल दिवस मनाया.  29 अगस्त को हॉकी के जादूगर के नाम से मशहूर मेजर ध्यानचंद की जयंती थी. इस दिन को हर साल राष्ट्रीय खेल दिवस के तौर पर मनाया जाता है. इस मौके पर आज हम आपको मिलवाते हैं. खेलों के लिए अपना पूरा जीवन समर्पित कर देने वाली ऐसी प्रतिभा से, जिन्हें अपने क्षेत्र में जिम्नास्टिक के जादूगर के नाम से जाना जाता है.  कौन है ये जिम्नास्टिक के जादूगर, और कैसे इनका ये नाम पड़ा आइए जानते हैं.


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तराश रहे खिलाडियों की प्रतिभाएं 
नवोदित प्रतिभाओं को जिम्नास्टिक के गुर सिखा रही इस शख्सियत का नाम बाबू लाल कमेड़िया है, जो कुचामन के रहने वाले हैं और आसपुरा गांव में शारीरिक शिक्षक के पद पर कार्यरत हैं. बाबू लाल कमेड़िया पिछले दो दशक से क्षेत्र में जिम्नास्टिक प्रशिक्षक की भूमिका निभा रहे हैं और इनका लक्ष्य एक ही है कि क्षेत्र से निकली जिम्नास्टिक प्रतिभाएं एक दिन ,देश के लिए खेले और ऐशिया और ओलंपिक खेलों में पदक जीतकर लाएं.


इंटरनेशनल मेडल लाने का जूनून 
इंटरनेशनल मेडल लाने के जुनून के चलते बाबूलाल ने ,अभ्यास के लिए अपनी तरफ से संसाधन भी जुटाएं हैं और लाखों रुपए खर्च करके जिम्नास्टिक खेल से जुड़े उपकरण स्थापित किए हैं. प्रशिक्षक बाबू लाल कमेड़िया से प्रशिक्षण लेने वाले युवा बताते हैं कि आज तक किसी भी खिलाड़ी से कोच बाबू लाल ने प्रशिक्षण का कोई पैसा नहीं लिया और वो दशकों से क्षेत्र में निशुल्क प्रशिक्षण के जरिए जिम्नास्टिक की प्रतिभाएं तराश रहे हैं.


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सरकार से लगाई गुहार 
साल 2004 में बाबूलाल कमेड़िया ने जिम्नास्टिक का प्रशिक्षण शुरू किया था.  उसके बाद से कभी कोई साल नही निकला जिसमें कुचामन क्षेत्र के खिलाड़ियों ने जिम्नास्टिक के खेल में स्टेट और नेशनल टूर्नामेंट ना खेला हो. आज बाबू लाल कमेड़िया से प्रशिक्षण प्राप्त किए हुए कई खिलाड़ी शारीरिक शिक्षक बन चुके हैं, तो कई राष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगिताओं में खेलने के बाद स्पोर्ट्स कोटे से नौकरी हासिल कर चुके हैं. कोच बाबू लाल कमेड़िया का कहना है कि सरकार खेलो इंडिया के तहत कुचामन में एकेडमी शुरू कर दे, तो क्षेत्र की प्रतिभाओं को और ज्यादा संसाधन मिलेंगे और उनका अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर जिम्नास्टिक खेल में पदक लाने का सपना भी पूरा होगा.


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यूं तो अपने देश में क्रिकेट का चारों तरफ बोलबाला है. देश के किसी गली-मोहल्ले में चले जाइए,आपको क्रिकेट खेलते बच्चे मिल जाएंगे. लेकिन कुचामन में जिम्नास्टिक का रोमांच भी देखने को मिलता है और ये कोच बाबू लाल कमेड़िया के जिम्नास्टिक खेल के प्रति जोश, जुनून और दीवानगी के चलते मुमकिन हुआ है. मुख्य ब्लॉक शिक्षा अधिकारी जगदीश राय का कहना है कि कोच बाबूलाल को आज जिम्नास्टिक के जादूगर के रूप में पहचान मिली है, तो उसकी वजह है कि उनके कारण ही कुचामन आज जिमनास्टिक के खेल में प्रदेश ही नहीं बल्कि राष्ट्रीय स्तर पर अपनी पहचान रखता है और वे दूसरे शारीरिक शिक्षकों के लिए एक मिसाल है.


देश के पहले सुनियोजित कोचिंग हब को लेकर खबर कोचिंग हब बनकर हुआ तैयार कुछ महीनों में शुरू होंगी बहुत सी एक्टिविटी कोचिंग हब में सेंट्रल लाइब्रेरी, एमफी थियटर, कैफेटेरिया फूड कोर्ट भी शामिल, जल्द होंगे इनके टेंडर 70 हजार की क्षमता वाले हब के 6 एकेडमिक ब्लॉक हुए तैयार हॉस्टल की जगह 6 सौ स्टूडियो अपार्टमेंट होंगे तैयार जिम और जॉगिंग ट्रैक की भी मिलेगी सुविधा लाइब्रेरी में बैठ सकेंगे 500 स्टूडेंट एक साथ वहीं दूसरी जगह कोचिंग संचालकों में देखी जा रही है हिचकिचाहट दूरी की वजह से शिफ्ट होने में कतरा रहे हैं कोचिंग संचालक हालांकि हाउसिंग बोर्ड अध्यक्ष टी.रविकांत, आयुक्त इंद्रजीत सिंह कर रहे प्रयास कोचिंग संचालकों को मीटिंग के जरिए समझाइश का कर रहे प्रयास.


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