Merta: भारत सरकार द्वारा आजादी के 25 वर्ष पूर्ण होने पर सिल्वर जुबली मनाते हुए देश के चुनिंदा ग्राम पंचायतों में स्थापित किए गए देश के शहीदों की गौरव गाथा का प्रतीक संविधान स्तंभ आज प्रशासनिक उपेक्षा और लापरवाही के चलते एक तिरंगे को तरसने पर मजबूर है. गंदगी के आलम और अतिक्रमणकारियों के बीच अपनी सुरक्षा की गुहार लगाता यह संविधान स्तंभ मेड़ता उपखंड के प्रशासनिक अधिकारियों की कार्यकुशलता का परिचायक बन गया है. 


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देश की राजनीति में अपनी अहम भूमिका निभाने वाले नागौर जिले की सबसे बड़ी ग्राम पंचायत मेड़ता रोड में स्थापित संविधान स्तंभ अपनी दुर्दशा पर आंसू बहाने को मजबूर है. भारत सरकार द्वारा आजादी के 25 वर्ष पूर्ण होने पर सिल्वर जुबली मनाते हुए देश की चुनिंदा ग्राम पंचायतों में देश के शहीदों की गौरव गाथा का प्रतीक संविधान स्तंभ स्थापित किए गए. 


ऐतिहासिक लाल पत्थर की शिला पर अंकित अशोक चक्र एवं राष्ट्रीय पशु-पक्षी के चिन्ह आज प्रशासनिक उपेक्षा और लापरवाही के चलते गंदगी के आलम में एक अदद तिरंगे को तरसने पर मजबूर है. गंदगी और अतिक्रमणकारियों के बीच अपनी सुरक्षा की गुहार लगाता यह संविधान स्तंभ मेड़ता उपखंड के प्रशासनिक अधिकारियों की कार्यकुशलता का परिचायक बन गया है. 


सामाजिक कार्यकर्ताओं द्वारा कई बार प्रशासन गांव के संग शिविर सहित कई प्रशासनिक अधिकारियों को अवगत कराकर इसे अतिक्रमण से मुक्त कराने और संविधान स्तंभ के चारों ओर सुरक्षा घेरा तैयार करने की मांग की गई, लेकिन प्रशासनिक अधिकारी की इच्छा शक्ति के चलते आज भी स्थिति जस की तस बनी हुई है. 


समूचा देश जहां आज अमृत महोत्सव के जश्न में डूबा है, वही सिल्वर जुबली के अवसर पर भारत सरकार द्वारा स्थापित संविधान स्तंभ एक अदद तिरंगे को तरसता नजर आया. आजादी के 25 वर्ष पूर्ण होने पर स्थापित यह स्तंभ आज स्वयं अपनी आजादी के लिए प्रशासनिक अधिकारियों से गुहार लगा रहा है. 


Reporter- Damodar Inaniya


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