Merta: राजस्थान के नागौर जिले के मेड़ता के कुरड़ायां ग्राम के किसानों ने फसल बीमा कंपनी पर किसानों की अज्ञानता का फायदा उठाने का आरोप लगाते हुए कंपनी की कार्यप्रणाली पर कई सवालिया निशान लगा दिए. किसानों का कहना है कि यदि बीमा प्रीमियम राशि जमा कराने की तिथि निर्धारित है, तो फिर मुआवजा राशि देने की तिथि निर्धारित क्यों नहीं. 


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जिले में मेड़ता उपखंड क्षेत्र के कुरडायां ग्राम के किसानों ने फसल बीमा कंपनी के नुमाइंदों की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाते हुए कृषि विभाग के अधिकारियों से फसल खराबे की क्लेम राशि दिलवाने की मांग की है. 


बता दें कि मेड़ता क्षेत्र के कुरड़ाया सहित ग्रामीण क्षेत्रों में 23 सितंबर को मूसलाधार बारिश होने से किसानों की फसल को काफी नुकसान हुआ था. नियमानुसार किसानों द्वारा 72 घंटे के भीतर ही बीमा कंपनी को सूचित कर दिया गया, जबकि कंपनी द्वारा नियमानुसार 7 दिवस में सर्वे कार्य पूर्ण करना था, लेकिन कंपनी के नुमाइंदे 20 दिन पश्चात कुरडायां ग्राम पहुंचे और किसानों से नुकसान हुई फसल दिखाने को कहा. 


किसानों द्वारा अगली फसल के लिए खेत तैयार किए जा रहे हैं, जिसके चलते किसानों ने खराब हुई फसल को खेत से हटा लिया. किसानों ने कंपनी के नुमाइंदों पर यह भी आरोप लगाया कि किसानों की अज्ञानता का फायदा उठाते हुए कंपनी कर्मी उनकी केवाईसी के सभी प्रमाण अपने साथ ले लेते हैं और मुआवजा फार्म पर हस्ताक्षर भी करवा लेते हैं, जिसकी जानकारी किसान को नहीं दी जाती है कि मुआवजा राशि कितनी होगी और कब मिलेगी. 


किसानों ने कृषि सहायक निदेशक रामप्रकाश बेड़ा को शिकायत कर क्षेत्रीय अधिकारियों से रिपोर्ट तैयार करवाने और फसल खराबे का क्लेम दिलाने की मांग करते हुए बीमा कंपनी सर्वे टीम को निर्धारित समय में ही फसल खराबे का सर्वे करने के निर्देश देने की गुहार लगाई है. 


Reporter- Damodar Inaniya


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