Deedwana News: नागौर जिले में पानी की कमी को पूर्ति के लिए इंदिरा गांधी नहर परियोजना के पहले और दूसरे फैज के जरिये पानी मिल रहा है लेकिन 25 अप्रैल से शुरू हुई पूर्ण नहरबंदी से अब लोगों को पानी की बचत करनी होगी. 25 अप्रैल से इंदिरा गांधी नहर परियोजना की मुख्य नहर में वार्षिक रखरखाव के लिए नहरबंदी घोषित की गई है.


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

हालांकि बीते 1 महीने से आंशिक नहरबंदी पहले से ही जारी थी लेकिन अब जारी हुई पूर्ण नहर बंदी से पानी सप्लाई में कटौती की जाएगी और सरकार के आदेशानुसार इस दौरान हर रविवार को जिले में पानी सप्लाई पूरी तरह बंद रहेगी यानि इस दिन कहीं भी सप्लाई नहीं खोली जाएगी. नागौर जिला अभी पेयजल की दृष्टि से पूर्ण रूप से नहरी पानी पर ही निर्भर है. लेकिन हर वर्ष नहर में वार्षिक रखरखाव किया जाता है.


इस दौरान नहर में साफ सफाई के अलावा मरम्मत का कार्य भी किया जाता है जिसके चलते हर वर्ष नहरबंदी की जाती है. क्षेत्र की अगर बात की जाये तो यहां नहरी पानी की सप्लाई शहरी क्षेत्रों में 3 से 5 दिनों में एक बार की जाती है जबकि ग्रामीण क्षेत्रों में यह सप्लाई एक सप्ताह के अंतराल से की जाती है जो क्षेत्र में पानी की किल्लत को दर्शाता है. लेकिन अब पूर्ण नहरबंदी की वजह से स्थितियां और गंभीर होने वाली है.


ये भी पढ़ें- धौलपुर: विधायक रोहित बोहरा राजाखेड़ा पहुंचे, पानी की टंकी के लिए 270 करोड़ रुपए जारी


पूर्ण नहरबंदी के दौरान नोखा दइया में बने रिजर्व से पानी सप्लाई दिया जायेगा लेकिन इससे पुरे जिले को 20 दिन तक ही सप्लाई मिल सकती है इसकी वजह से सप्लाई में कटौती करके बैलेंस करने की कोशिश नहरी विभाग द्वारा की जा रही है. नहरी विभाग की तरफ से आमजन को भी जल संचय और सावधानी पूर्वक सिमित उपयोग की अपील की गई है.

आगामी दिनों में आमजन को पानी की किल्लत से जूझना पड़ सकता है क्योंकि नहर बंदी अपने तय समय पर भी अगर ख़त्म हो जाती है तो भी 10 दिन का पानी कम रहेगा ऐसे मुने आमजन को पानी का इस्तेमाल सावधानी से करना होगा.