Pali News: हिंदुस्तान की आजादी के 78 साल पूरे हो चुके हैं. इसके बाद भी राजस्थान का एक गांव ऐसा है, जहां लोगों को आज भी अपनी जान जोखिम में डालकर बहती हुई नदी से अंतिम संस्कार के लिए मृत शरीर को लेकर जाना पड़ता है. यह पूरा मामला पाली के वीरामपुरा गांव का है. यह एक-दो साल से नहीं बल्कि, सदियों से चला रहा है. जब अंग्रेजी हुकूमत थी तब भी यही स्थिति थी. 


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आजादी के बाद भी नदी पर नहीं बना पुल
अब हुकूमत बदल गई है. हिंदुस्तान आजाद हो गया है. हर किसी को समान जीने का अधिकार मिल गया, लेकिन वीरामपुरा ग्रामीणों को सदियों बीत जाने के बाद भी एक पुल तक नसीब नहीं हो पाया है. कई बार तो ऐसा मामला भी होता है कि अंतिम संस्कार के लिए जा रहे लोग बहती नदी में बह जाते हैं और दूसरी घटना घट जाती है. क्योंकि जवाई बांध को भरने वाली यही नदी है, जिससे जवाई बांध के सहायक से ही लगातार पानी की आवक बनी रहती है. 


दो-दो दिनों तक लोग करते रह जाते हैं इंतजार 
कई बार तो ऐसे नजारे देखने को मिलते हैं कि अंतिम संस्कार के लिए दो-दो दिनों तक शव को नदी किनारे रखकर इंतजार किया जाता है कि नदी का पानी उतरे तो दूसरी तरफ जाकर अंतिम संस्कार किया जाए. सुमेरपुर क्षेत्र से ही जोराराम कुमावत कैबिनेट मंत्री भी हैं. दूसरी बार सुमेरपुर विधानसभा से जीतकर गए. लेकिन आज तक इस गंभीर समस्या से लोगों को निजात नहीं मिल पाई. 


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