Rajasthan Politics : राजस्थान का सियासी पारा एक बार फिर गर्म हो गया है. पहले पश्चिम और फिर पूर्व से उठे सियासी बवंडर ने एकाएक सियासी पारा चढ़ा दिया है. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ( Ashok Gehlot ) ने धौलपुर के राजाखेड़ा में फुलटॉस बैटिंग कर अपने विरोधियों को चित कर दिया है, उन्होंने पूर्व मुखिया वसुंधरा राजे ( Vasundhara Raje ) से लेकर पूर्व डिप्टी यानि सचिन पायलट ( Sachin Pilot ) तक को घेर लिया. साथ ही सचिन पायलट गुट के सामने एक सवाल और छोड़ दिया. जिसका जवाब आगामी दिनों में प्रदेश के सियासी पारे को और चढ़ाएगा.


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दरअसल मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने एक जनसभा को सम्बोधित करते हुए कहा कि हमारी सरकार को गिराने के लिए षडयंत्र किये गए. हमारे विधायकों को करोड़ों रूपये बांट दिए गए. हर विधायक को 10 -20 करोड़ दिए गए, लेकिन निर्दलीय और अन्य विधायकों के चलते सरकार बच गई. उन्होंने इशारों ही इशारों में पायलट और मानेसर जाने वाले उनके समर्थक विधायकों से अमित शाह को पैसे लौटाने के लिए कह दिया. साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि अगर उनमें से कुछ पैसा खर्च भी हो गया है तो वो यह पैसा मुझसे ले लें या फिर एआईसीसी से दिलवा देंगे.उन्होंने कहा कि अगर आपने उनके पैसे वापस नहीं किए तो आपको डराएंगे, धमकाएंगे जैसे गुजरात में किया गया.


अब पायलट खेमे के पास क्या विकल्प


विकल्प 1 : बात का खंडन कर इसे झूठा आरोप बताएं
सचिन पायलट और उनके समर्थक विधायक सीएम गहलोत के बयान का खंडन कर इन बातों को सिरे से नकार दें, और इसे खोखली बात करार दें. 


विकल्प 2 : पहले की तरह इसपर चुप्पी साधे रहे
सचिन पायलट कैंप पर अशोक गहलोत इस तरह का पहले भी आरोप लगा चुके हैं, जिसका खुलकर कभी भी पायलट कैंप की ओर से विरोध नहीं किया गया है. ऐसे में इस बार भी इस मसले पर पायलट कैम्प चुप्पी साध ले.


हालांकि सियासी पंडितों की माने तो चुनावी साल में सियासी तस्वीर बहुत कुछ बदल गई है. ऐसे में पायलट गुट इसका मुखरता से विरोध कर सकता है. चुनावी साल में इससे बहुत कुछ नरेटिव सेट हो सकता है, कुलमिलाकर इससे आगामी दिनों में नुकसान कांग्रेस को ही हो सकता है.


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