Rajasthan- राजस्थान में विधानसभा चुनाव का बिगुल बज चुका है . सभी राजनीतिक दलों ने अपनी अपनी रणनीतियों पर काम करना शुरू कर दिया है.  इसे लेकर तीन दिनों से चुनाव आयोग राजस्थान में चुनावी तैयारियां का जायजा लेने आया हुआ है. इसी को लेकर बीते शनिवार को  चुनाव आयोग ने जिले के एस पी, जिला कलेक्टर्स  के साथ चनावी तैयारियों को लेकर चर्चाएं और बैठकें की थी. 


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इसी कड़ी में रविवार को चुनाव आयोग ने प्रेस वार्ता की . जिसमें मुख्य निर्वाचन आयुक्त राजीव कुमार  मीडिया से रूबरू हुए . साथ ही विधानसभा चुनाव को हर सवालों का जबाव देते हुए समस्या का समधान किया. साथ ही चुनाव के लिहाज से हुए जरूरी बदलावों को जनता के समक्ष रखा. 
मुख्य निर्वाचन आयुक्त राजीव कुमार मीडिया से रूबरू होते हुए कहा कि इस बार विधानसभा में वोटर्स के लिए नई सुविधा दी गई है, वह घरों से ही मतदान कर सकते है. जिससे चुनाव में मतदान का प्रतिशत बढ़ सके. 


 



इसके अलावा  चुनावों के समय राजनीति में  होने वाली अपराधिक गतिविधियों के प्रवेश को रोकने के लिए कड़े कानून रखनने की बात की है. जिसके अंतर्गत अगर कोई भी पार्टी अगर किसी भी अपराधिक रिकॉर्ड वाले  व्यक्ति को टिकट देगा तो पार्टी को अखबार में स्पष्टीकरण देना होगा कि उन्होंने उस व्यक्ति को टिकट क्यों दिया?


मतदाता को मिलेगी  वोट फॉर होम की सुविधा
रविवार को मुख्य निर्वाचन आयुक्त राजीव कुमार की इस प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि राजस्थान में पहली बार वोट फॉर होम की सुविधा  दी गई है, जिसे केवल 80 साल से ऊपर के बुजुर्ग और 40% से ज्यादा दिव्यांगता वाले व्यक्तियों के लिए ही है. क्योंकि चुनाव आयोग के अनुसार राजस्थान में तकरीबन  80 साल से ऊपर के 11.8 लाख मतदाता हैं. वहीं 100 साल से  18,462 मतदाता हैं. इन मतदाताओं के लिए इसकी रूपरेका बनाई गई है, इसके लिए   चुनाव आयोग की अधिसूचना जारी होने के बाद 5 दिन के अंदर उन्हें चुनाव आयोग की साइट पर जाकर वोट फॉर होम की सुविधा पाने वाले मतदाताओं को फॉर्म भरना होगा. इसके बाद आयोग उनके घर से वोट डालने की सुविधा का इंजताम करेगा.


 लाइव वेबकास्टिंग  को लेकर आयोग  ने बताया कि इस बार के विधानसभा चुनाव में 50 प्रतिशत पोलिंग बूथ से लाइव वेबकास्टिंग की जाएगी. जिससे गड़बड़ियों  न हो. इसके अलावा 1600 ऐसे होंगे जिनकी कमान युवाओं के बहाथ होगी. जिसमें महिलाओं की भागीदारी रहेगी. 


आगे प्रेस वार्ता में मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने बताया कि - विधानसबा चुनावों को निष्पक्ष कराने के लिए वह हर संभव प्रयास करेंगे. राजस्थान में 5.25 करोड़ मतदाता है. इसमें 2.73 करोड़ पुरुष मतदाता, 2.51 करोड़ महिला मतदाता हैं. 604 ट्रांसजेंडर है. 5.61 लाख दिव्यांग है.


मोबाइल ऐप से जान सकेंगे उम्मीदवार का क्रिमिनल बैकग्राउंड
आयोग के मुताबिक कोई मतदाता यह जानना चाहता है कि किसी कैंडिडेट का क्रिमिनल बैकग्राउंड है या नहीं. इसके लिए 'नो योर कैंडिडेट' एप्लिकेशन है. इसमें कैंडिडेट का पूरा एफिडेविट अपलोड होगा.


इसके साथ ही क्रिमिनल बैकग्राउंड के प्रत्याशी को तीन दैनिक अखबारों में अपनी जानकारी देनी होगी. वहीं, राजनीतिक पार्टियों को भी बताना होगा कि उन्होंने क्रिमिनल बैकग्राउंड के प्रत्याशी को टिकट क्यों दिया? क्या उस विधानसभा में उनके अलावा कोई प्रत्याशी नहीं था. इसके लिए उन्हें अखबार में स्पष्टीकरण देना होगा.


राजस्थान विधानसभा से जुड़े कुछ फैक्ट्स


18 हजार से ज्यादा 100 साल से ज्यादा उम्र के मतदाता - 21.9 लाख मतदाता पहली बार डालेंगे वोट - 95 विधासभा सीटों पर महिला मतदाताओं की संख्या पुरुषों से कम - 24 हजार पोलिंग बूथ पर महिला मतदाताओं की संख्या कम.


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