Motivation:  सन्मति समवशरण में आयोजित धर्म सभा में उपस्थित श्रद्धालुओं को संबोधित करते हुए आचार्य सुंदर सागर ने कहा कि दुनिया की सोच बदलने से पहले व्यक्ति को अपनी सोच बदलनी होगी. दूसरों को सुधारने से पहले स्वयं को सुधारना होगा, यदि एक घर का एक व्यक्ति सुधरा तो पूरा देश सुधर जाएगा, लेकिन हम सामने वाले को सुधारने में लगे हुए हैं.  शुरुआत स्वयं से करनी होगी.


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कलेक्टर सौरभ स्वामी ने अपने संबोधन में कहा कि जैन संतों के प्रवचन सुनकर  यदि 5 से 10% व्यक्ति भी अपने जीवन में उतार ले तो काफी परिवर्तन समाज में आ सकता है. उन्होंने गुरु देव की महिमा बताते हुए कहा कि गुरु हमेशा सच्ची राह बताते हैं. आज बुजुर्गों का आदर, उनका सम्मान करना और संस्कृति को बचाना सभी की जिम्मेदारी है. इसके पूर्व कलेक्टर सौरभ स्वामी का सन्मति समवशरण में पहुंचने पर समाज की ओर से अभिनंदन किया गया.


Reporter- Vivek Upadhyay


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