Motivation: 30 साल तक पढ़ाई से दूर रहने के बाद प्रदीप ने NEET में लहराया परचम, अब डॉक्टर्स बनाने का करेंगे काम
Advertisement

Motivation: 30 साल तक पढ़ाई से दूर रहने के बाद प्रदीप ने NEET में लहराया परचम, अब डॉक्टर्स बनाने का करेंगे काम

Motivation: कुछ पाने की क्या कोई उम्र होती है? आपका जवाब शायद हां होगा. पर सच ये है कुछ पाने और करने की कोई उम्र नहीं होती है. सिर्फ जरूरत होती है मजबूत इरादों की. क्योंकि ऐसा ही कर दिखाया है गुजरात के 52 वर्षीय व्यवसायी प्रदीप कुमार सिंह ने, पढ़िए पूरी खबर.

 

प्रदीप कुमार सिंह 52 वर्ष की उम्र में नीट परीक्षा की पास.

Motivation: नीट यूजी 2022 का परीक्षा परिणाम जारी हो चुका है. देशभर में नीट के टॉपर्स की खबरें पढ़ी गई हैं. लेकिन हम आपको आज एक ऐसी खबर पढ़ाना चाहते हैं, जिसे पढ़कर आपके अंदर भी कुछ करने की इच्छा जाहिर होगी. और लगेगा कि हां कुछ करने और पाने की कोई उम्र नहीं होती है. सिर्फ और सिर्फ जरूरत होती है एक मजबूत शुरूआत की. कुछ ऐसी ही मजबूत शुरूआत करके गुजरात के बोड़कदेव के 52 वर्षीय व्यवसायी ने नीट में अपनी कामयाबी का परचम लहराया है. प्रदीप 30 साल पहले पढ़ाई छोड़ चुके थे. पर उनकी इच्छा थी कि नीट परीक्षा पास करके वो गरीब बच्चों को निःशुल्क कोचिंग दें. उन्हें डॉक्टर्स बनाएं. ताकि उनके सपने सच हो सकें. फिर क्या? हो भी गया वही जो सोचा था. 

डॉक्टर बनने का कोई सपना नहीं

गुजरात के प्रदीप कुमार सिंह ने नीट में 720 में से 607 अंक हासिल किए हैं. सफलता प्राप्त करने के बाद मीडिया से सिंह ने कहा कि 52 साल की उम्र में मैंने 98.98 पर्सेंटाइल हासिल किया है. मेरा मेडिकल कॉलेज में शामिल होने का कोई सपना नहीं है, लेकिन मैं गरीब छात्रों के लिए एक नि:शुल्क NEET का कोचिंग सेंटर शुरू करना चाहता हूं. 

इस तरह बढ़ा था रुझान

वो कहते हैं कि जब बेटे स्नेहांश ने वर्ष 2019 में NEET के लिए आवेदन किया, तो तैयारी शुरू की. मैंने उसका साथ दिया. फिर मेरा भी रुझान नीट की तरफ बढ़ा. मुझे पता चला कि कोचिंग संस्थान मोटी फीस लेते हैं, इस व्यवस्था ने गरीब छात्रों को नीट के सफर से बाहर कर दिया है. प्रदीप कुमार सिंह और उनके बेटे ने इस समस्या के समाधान की योजना बनाई. फिर जुट गए इसे साकार करने में. 

बेटा जीव विज्ञान में और मैं भौतिकी व रसायन विज्ञान में अच्छा हूं

प्रदीप कहते हैं कि मेरा बेटा जीव विज्ञान में अच्छा है, जबकि मैं भौतिकी और रसायन विज्ञान में अच्छा हूं. हमने इन तीनों विषयों को निःशुल्क में पढ़ाने का फैसला लिया है. वर्तमान में हम लोग घर पर कुछ छात्रों को पढ़ाते हैं, इन छात्रों के माता-पिता मनरेगा मजदूर के रूप में काम करते हैं. हालांकि, एक विश्वास की कमी थी. खुद परीक्षा दिए बिना दूसरों को कैसे पढ़ा सकता था ? अब वो विश्वास भी आ गया है. 

ये भी पढ़ें- Motivation: चुनौतियों के बीच पढ़िए सफलता की कहानी, 21 वर्ष की उम्र में जानें अंसार कैसे बन गए थे आईएएस

जॉब्स न्यूज के लिए यहां क्लिक करें

 

Trending news