Pratapgarh News: 6 जनवरी 2007 को प्रतापगढ़ के एडवोकेट गिरिराज की उनके ऑफिस में अज्ञात व्यक्ति ने गोली मारकर हत्या कर दी थी. पहले प्रतापगढ़ भी चित्तौड़गढ़ जिले में था. मामले को चित्तौड़गढ़ जिला न्यायालय में ट्रांसफर किया गया था. इस मामले में जिला एवं सत्र न्यायालय ने 12 अक्टूबर 2021 को 6 दोषियों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी. मामले में दो आरोपी फरार चल रहे थे, फरार आरोपियों को गिरफ्तार करने के लिए चित्तौड़गढ़ जिला और प्रतापगढ़ जिले के एसपी को आदेश दिया गया था.


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मामला हाईकोर्ट में विचाराधीन है 


न्यायाधीश केशव कौशिक ने सभी आरोपियों को 1 अक्टूबर 2021 को दोषी करार दे दिया था. आरोपी प्रतापगढ़ के एडवोकेट और कांग्रेस नेता गिरिराज जोशी की हत्या के मामले में दोषी थे. मामला हाईकोर्ट में विचाराधीन है .इस मामले में कुछ आरोपियों को हाईकोर्ट से जमानत भी मिल चुकी है. शनिवार को प्रतापगढ़ एसपी अमित कुमार के निर्देशन में फरार चल रहे दो आरोपियों में से एक आरोपी को पुलिस ने गिरफ्तार किया है.


 इनामी आरोपी गिरफ्तार किया
शनिवार को अरनोद थानाधिकारी मुन्शी मोहम्मद पठान को मुखबीर सुचना मिली की दो फरार आरोपियों में से एक इनामी आरोपी वसीम खां , अरनोद जिस पर धारा कई धाराओं में मुकदमे दर्ज है और पुलिस द्वारा आरोपी वसीम पर दो हजार का इनाम भी रखा हुआ है जो अभी अपने घर नौगावा आया हुआ है. सुचना पर मुन्शी मोहम्मद थानाधिकारी अरनोद मय जाप्ता मय प्राईवेट वाहन के नौगावा पहुच अभियुक्त को डिटेन कर गिरफ्तार किया गया.


बहुत चर्चित है गिरिराज जोशी हत्याकांड


6 जनवरी 2007 को शाम को अधिवक्ता गिरिराज जोशी निवासी सालमपुरा प्रतापगढ़ काका साहब दरगाह के बाहर स्थित उनके कार्यालय में अज्ञात हमलावरों ने गोली मारकर हत्या कर दी थी जिस पर कई धाराओं में मामला दर्ज कर अनुसंधान किया गया. अनुसंधान में मुल्जिमान चुन्नु उर्फ इमरान, वसीम खान, साकिर, मुस्तफा इत्यादि ने बावड़ी मोहल्ला प्रतापगढ़ पर एकत्रित होकर अधिवक्ता गिरिराज जोशी की हत्या का षडयंत्र रचने के बाद वसीम खा मोटरसाइकिल से अपने चाचा चुन्नू उर्फ इमरान पिता डेरान खान पठान निवासी नोगावा को योजना अनुसार अधिवक्ता के कार्यालय पर लेकर गया जहां वसीम खा के चाचा चुन्नु उर्फ इमरान ने कार्यालय के अंदर जाकर अधिवक्ता गिरिराज जोशी को गोली मारकर हत्या कर दी थी. जिस पर उक्त प्रकरण में दिगर अभियुक्तगणी के साथ- साथ वसीम खा को गिरफ्तार कर चालान न्यायालय में पेश किया गया था. उक्त प्रकरण जिला एवं सेशन न्यायालय चितोडगढ में जैर ट्रायल था अभियुक्त वसीम खा न्यायालय निर्णय से पूर्व फैसले के दिन तारीख पेशी पर उपस्थित नही होकर फरार हो गया था और न्यायालय द्वारा विचारण के बाद दिगर अभियुक्तगणो के साथ साथ अभियुक्त वसीम को आजीवन कारावास से दण्डित किया गया है. अभियुक्त वसीम न्यायालय निर्णय में सजायाब होने के पश्चात से फरार चल रहा था.


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