Rajsamand: वेदांता समूह की जस्ता, सीसा और चांदी उत्पादक कंपनी हिंदुस्तान जिंक की मेजबानी में आयोजित 51वीं अखिल भारतीय खनन बचाव प्रतियोगिता का आगाज मंगलवार से हो गया है. कंपनी के राजपुरा दरीबा परिसर में खान महानिदेशालय के तत्वावधान में सिन्देसर खुर्द खदान में प्रतियोगिताओं का आयोजन होगा.यह सबसे बड़ी भूमिगत खनन प्रतियोगिता है जो माइन रेस्क्यू में डिजिटल इंटरवेंशन पर आधारित है. 


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इस 5 दिवसीय प्रतियोगिता में 18 विभिन्न खनन कंपनियों की कुल 26 टीमें भाग ले रही हैं. बता दें कि 26 टीमें प्रतिष्ठित कोयला कंपनियों जैसे कोल सब्सिडियरी मेसर्स बहर्ट कोकिंग कोल लिमिटेड, मेसर्स सेंट्रल कोलफील्ड्स लिमिटेड, मेसर्स ईस्टर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड, मेसर्स महानदी कोलफील्ड्स लिमिटेड, मेसर्स वेस्टर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड, मेसर्स साउथईस्टर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड, मेटल कंपनियों से, मेसर्स हिंदुस्तान कॉपर लिमिटेड, मेसर्स मैंगनीज ओर इंडिया लिमिटेड, मेसर्स हिंदुस्तान जिंक लिमिटेड, मेसर्स यूरेनियम कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया टीम इस प्रतियोगिता में हिस्सा ले रही हैं.


इस आयोजन के बारे में हिंदुस्तान जिंक के मुख्य कार्यकारी अधिकारी अरुण मिश्रा ने बताया कि हम सबसे बड़े भूमिगत खनन प्रतियोगिता की मेजबानी कर प्रसन्न हैं, जिसमें खनन उद्योग के सर्वोत्तम कंपनियों की भागीदारी होगी. माइन रेस्क्यू किसी भी माइनिंग ऑपरेशन का सबसे महत्वपूर्ण हिस्सा है. माइन रेस्क्यू टीमों की तैयारी के स्तर से किसी भी बचाव और रिकवरी ऑपरेशन की सफलता का निर्धारण किया जा सकता है. यह प्रतियोगिता इसमें भाग लेने वाली सभी 18 कंपनियों के लिए सीखने का एक बड़ा स्रोत और खान सुरक्षा के लिए नए रास्ते उपलब्ध कराने में सक्षम होगा.


बता दें कि डीजीएमएस की ओर से बीपी सिंह, निदेशक खान सुरक्षा डब्ल्यूजेड, नागपुर, श्याम मिश्रा, खान सुरक्षा निदेशक (डीएमआरएस), मुख्यालय, धनबाद के मार्गदर्शन में प्रतियोगिता के दौरान सभी टीमों के प्रदर्शन का मूल्यांकन करेंगे. इस कार्यक्रम में आफताब अहमद, निदेशक खान सुरक्षा, रांची एसईजेड, सगेश कुमार एमआर, खान सुरक्षा निदेशक, सीजेड, धनबाद और कृष्णेंदु मनादल, निदेशक खान सुरक्षा, भुवनेश्वर, दयासागर, निदेशक खान सुरक्षा, उत्तर-पश्चिम अंचल, उदयपुर भी कार्यक्रम में शिरकत करेंगे.


माइन्स रेस्क्यू प्रतियोगिताओं में, प्रतिभागियों का परीक्षण उनके ज्ञान और आपातकालीन स्थितियों से संबंधित कौशल के संदर्भ में किया जाता है. प्रतियोगिता के हिस्से के रूप में टीम के सदस्यों को एक विशिष्ट समय के भीतर और जूरी के अवलोकन के तहत एक काल्पनिक समस्या को हल करने की आवश्यकता होती है. आपको बता दें कि पहली बार अखिल भारतीय खनन बचाव प्रतियोगिता में वायरलेस संचार, भूमिगत बचावकर्मियों की वास्तविक समय स्थिति, सीसीटीवी के माध्यम से सभी बचाव कार्यों की रिकॉर्डिंग, एफएबी भूमिगत निर्माण, ब्रीफिंग ऑफिसर, रेस्क्यू रिले रेस प्रतियोगिताएं शामिल होगी.


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