Rajsamand: राजसमंद कांग्रेस के जिलाध्यक्ष हरिसिंह राठौड़ ने मीडिया को वक्तव्य जारी करते हुए राजसमंद सांसद दीया कुमारी पर निशाना साधा है. अपने वक्त्वय में राठौड़ ने आरोप लगाते हुए कहा कि सांसद दीया कुमारी विकास के नाम पर केवल झूठे वादे और कोरे आश्वासन दे रही हैं. वे भी प्रधानमंत्री की तरह क्षेत्र के लोगों को पिछले तीन साल से अधिक समय से महज जुमलेबाजी से बहलाने के अलावा कुछ भी नहीं कर पाईं हैं जबकि, केन्द्र में उनकी ही पार्टी की सत्ता है.


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राठौड़ ने कहा कि सांसद क्षेत्र में अन्य कोई उपलब्धि लायक कार्य तो नहीं कर पाईं, लेकिन शहर व पूरे राजसमंद तहसील क्षेत्र के लिए महत्वपूर्ण राजसमंद झील में पानी लाने को लेकर भी कितनी गंभीर है यह इसी बात से पता लगता है कि वे केन्द्र की अपनी सरकार से कुछ करवा पाने की बजाए लोगों को झील के भरने पर प्रभु श्री द्वारकाधीश मंदिर से श्री चारभुजानाथ तक पदयात्रा की घोषणा करके अपनी विफलताओं को छिपाने का प्रयास कर रही हैं. उन्होंने कहा कि सांसद की पार्टी की केन्द्र में सत्ता है वे राजसमंद झील में पानी लाने के लिए केन्द्र के साथ ही राज्य सरकार से भी मदद लेकर सकारात्मक प्रयास शुरू करतीं तो शायद अब तक कुछ सफलता भी मिल सकती थी लेकिन, उन्होंने कुछ करने की बजाए सिर्फ लोगों को जुमलेबाजी से बहकाने और दूसरों पर आरोप लगाने के अलावा कुछ नहीं किया.


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उन्होंने कहा कि राजसमंद में विधायक भी उन्हीं की पार्टी की हैं, जो भी कुछ करने के बजाए मात्र कांग्रेस पार्टी पर झूठे आरोप लगाने और राज्य सरकार के खिलाफ बोलने के अलावा कुछ नहीं कर पाईं. उन्होंने कहा कि एक तरफ भीम विधायक सुदर्शन सिंह रावत हैं, जो अपने क्षेत्र के लिए चंबल परियोजना से पानी लाने के लिए स्वीकृति के साथ ही बजट भी स्वीकृत करवा चुके हैं और दूसरी तरफ भाजपा की ये दोनों प्रतिनिधि हैं, जो अपने क्षेत्र में एक भी महत्वपूर्ण काम करवाने में सफल नहीं हो पाई है. इस दौरान उन्होंने कहा कि राजसमंद विधायक माहेश्वरी और सांसद दीया कुमारी प्रयास करतीं तो केन्द्र से बजट लेने के साथ ही राज्य सरकार से भी सहयोग लेते हुए हमारी झील में पानी लाने के लिए कोई योजना स्वीकृत करवा सकती थीं, लेकिन इसकी बात तो दूर ये झील में पानी लाने वाली खारी फीडर को चौड़ी और उसके सुदृढ़ीकरण का छोटा सा काम तक नहीं करवा पाई है.


यही नहीं, नंदसमंद बांध से समय पर झील के लिए खारी में पानी छोड़ने के लिए प्रयास करने के मामले में भी ये दोनों जनप्रतिनिधि पूरी तरह से विफल रही हैं. जबकि इन्हें पूर्व में हुए अनुबंध के तहत समय पर झील के लिए पानी छोड़ने की पैरवी करनी चाहिए थी. उन्होंने कहा कि मेडिकल कॉलेज की बात करें तो उसमें भी सांसद और विधायक कुछ नहीं कर पाई और क्षेत्र के लोगों को और युवाओं को सिर्फ आश्वासन ही मिले हैं. दोनों ने अपने अब तक के कार्यकाल में क्षेत्र के लिए एक भी बड़ा काम करवाना तो दूर यहां की समस्याओं तक के समाधान के लिए कोई पहल करने की बजाए दोनों ही पदयात्रा की राजनीति करके लोगों को बहलाने का प्रयास कर रही हैं.