महादेव के बाद रामभक्त हनुमान होंगे नाथद्वारा में स्थापित, 25 किमी दूर से ही देंगे दिखाई, ये होगी खासियत
Nathdwara: राजसमंद के नाथद्वारा में जल्द ही शिव प्रतिमा विश्वास स्वरूपम के बाद रामभक्त हनुमान की भी भव्य प्रतिमा बनने जा रही है जिसे नाथद्वारा मंदिर ट्रस् के साथ मिलकर मुंबई के एक व्यापारी के जरिए बनाया जा रहा है.
Rajsamand, Nathdwara News: राजसमंद का नाथद्वारा जल्द ही विश्व के सबसे बेहतरीन पर्यटक स्थलों की सूची में शामिल होने की तैयारी में लगा हुआ है. पहले शिव की सबसे ऊंची प्रतिमा विश्वास स्वरूपम का खिताब अपने नाम रखा हुआ है और अब राम भक्त हनुमान की सबसे बड़ी मूर्ती स्थापित करने की राह में लगा हुआ है.
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राजसमंद के नाथद्वारा में जल्द ही राम भक्त हनुमान की एक विशालकाय प्रतिमा बनाई जाने वाली है. जो शिव प्रतिमा के भांति 25 किलोमीटर दूर से ही दिखाई दे जाएगी. इस प्रतिमा को भारत की आर्थिक राजधानी कहे जाने वाले महानगर मुबंई के एक व्यापारी के जरिए बनवाया जाएगा. तो चलिए जानते हैं शिव के रूद्र अवतार हनुमान की इस भव्य प्रतिमा की क्या खासियत होगी. जिसके लिए दूर-दराज के लोग इन्हें देखने के लिए यहां होड़ मचेगी.
नाथद्वारा मंदिर ट्रस्ट के साथ मिलकर होगा निर्माण
जो प्रतिमा हनुमान जी की बन रही है. उसे नाथद्वारा मंदिर ट्रस्ट के सानिध्य में मिलकर मुंबई के व्यापारी के जरिए बनाई जा रही है. जिसका पुष्टिमार्गीय प्रधान पीठ प्रभु श्रीनाथजी की हवेली के तिलकायत विशाल बाबा ने महादेव के रूद्र अवतार हनुमान जी की अलौकिक श्रीनाथजी के दर्शन करती हुई हाथ जोड़ती हुई प्रतिमा है जिसकी भूमि पूजन हाल ही में किया गया है.
कहा होगी स्थापित
हनुमान जी की प्रतिमा को नाथद्वारा के गिरिराज पर्वत (बड़ा मगरा) के शिखर पर स्थापित किया जाएगा. यह शिखर 300 मीटर ऊंचा है. जां यह यह मूर्ति बनाकर स्थापित की जाएगी. भक्त इसके दर्शन 25 किलोमीटर की दूरी से भी कर सकेंगे.
इतनी आएगा खर्च
यह प्रतिमा तिलकायत श्री की आज्ञा और विशाल बाबा की प्रेरणा से मुंबई के वैष्णव गिरीश भाई शाह के जरिए बनवाई जा रही है. इस में करीब 1 करोड़ रुपए का खर्च आएगा. यह प्रतिमा 15 फीट आधार पर 108 फीट ऊंचाई लिए दक्षिणमुख हाथ जोड़े प्रभु श्रीनाथजी के दर्शन करती हुई होगी. इसके मूर्तिकार नरेश कुमावत हैं, जिन्होंने विश्व की सबसे ऊंची नाथद्वारा स्थित विश्वास स्वरूपम शिव प्रतिमा का निर्माण किया था. प्रतिमा का स्ट्रक्चर स्टील का होगा जिसमें मजबूती के लिए बीच में स्लैब डाले जाएंगे. बाहरी आवरण फाइबर का होगा. यह नौ माह में बनकर तैयार हो जाएगी.
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