Aligarh Locks: महाकुंभ में श्रद्धालु देखेंगे कैदियों का हुनर, खरीद सकेंगे अलीगढ़ के ताले 'खास'; रोजाना बनाए जा रहे 1200 Locks
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Aligarh Locks: महाकुंभ में श्रद्धालु देखेंगे कैदियों का हुनर, खरीद सकेंगे अलीगढ़ के ताले 'खास'; रोजाना बनाए जा रहे 1200 Locks

Mahakumbh 2025 Aligarh Locks: प्रयागराज महाकुंभ में जाने वाले श्रद्धालु वहां पर पवित्र संगम में डुबकी तो लगाएंगे ही, साथ ही इस बार अलीगढ़ के प्रसिद्ध ताले भी कम दामों खरीद सकेंगे. इसके लिए वहां पर अलीगढ़ जेल की ओर से खास स्टॉल लगाया जा रहा है. 

 

Aligarh Locks: महाकुंभ में श्रद्धालु देखेंगे कैदियों का हुनर, खरीद सकेंगे अलीगढ़ के ताले 'खास'; रोजाना बनाए जा रहे 1200 Locks

Aligarh Locks in Prayagraj Mahakumbh 2025: देश और दुनिया में अपने ताले और तालीम के लिए प्रसिद्ध अलीगढ़ अब एक नई पहचान बना रही है. अलीगढ़ जिला कारागार में बंद कैदी ताला बनाने के काम में जुट गए हैं. अलीगढ़ जेल में बने ताले देश-विदेश में प्रसिद्ध प्रयागराज महाकुंभ में उपयोग के लिए भेजे जाएंगे. जिला कारागार में रोजाना लगभग 1200 ताले बनाए जा रहे हैं, जिन्हें महाकुंभ में आने वाले श्रद्धालुओं को सस्ते दामों पर उपलब्ध कराया जाएगा. इस पहल से कैदियों को अपनी कला और कौशल को निखारने का मौका भी मिलेगा.

महाकुंभ में लगेगा जेल विभाग का स्टॉल

अलीगढ़ जेल के अधीक्षक विजेंद्र सिंह यादव के मुताबिक इस बार महाकुंभ के आयोजन में जेल विभाग का एक स्टॉल भी लगाया जाएगा, जहां कैदियों द्वारा निर्मित ताले और लकड़ी से बने विभिन्न सामान की प्रदर्शनी आयोजित की जाएगी. महाकुंभ में आए लोग इन सामानों को खरीद सकते हैं. यह एक बड़ी पहल है, जिससे महाकुंभ में आने वाले श्रद्धालु ताले और अन्य सामान सस्ते दामों पर प्राप्त कर सकेंगे. कैदियों की ओर से विभिन्न प्रकार के सामान बनाए जा रहे हैं. इनमें शिवलिंग, ओम, संघ और अन्य धार्मिक प्रतीक शामिल हैं.

मेले में बिकेंगे अलीगढ़ जेल के ताले

अधीक्षक ने बताया कि जेल में तालों को असेंबल किया जा रहा है और इन तालों का इस्तेमाल न केवल अलीगढ़, बल्कि बाहर भी किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि जेल में एक छोटी इकाई स्थापित की गई है, जहां कैदी रोजाना विभिन्न सामान तैयार कर रहे हैं, जिन्हें देशभर में भेजा जाता है. जेल में बंद कैदी विनोद कुमार ने बताया कि वह आजीवन कारावास की सजा काट रहा है. करीब दस महीने से जेल में है. 

बंदियों को रोजगार दिलवाने का प्रयास

विनोद ने कहा, 'जेल में ही मैंने ताला बनाने का काम सीखा है. हमारे अलीगढ़ के जेल के ताले अब देश-विदेश में मशहूर हैं. हमारे ताले अब महाकुंभ में भेजे जाएंगे. तैयारी पूरी है. हम और हमारे सभी प्रशासनिक अधिकारी पूरी तरह से इस प्रयास में लगे हुए हैं कि जितने भी बंदी यहां हैं, वह रोजगार की ओर बढ़ें. इस मौके पर हम अपने अधिकारियों का दिल से धन्यवाद करना चाहते हैं.'

रोजाना 1300 ताले हो रहे तैयार

विनोद ने आगे कहा कि हमें बहुत अच्छा लग रहा है. जब हमारे ताले देश-विदेश जाएंगे, तो हमारा और हमारे जिले का नाम रोशन होगा. हम सभी बंदियों के लिए यह एक बहुत अच्छा अवसर है. अब हम बड़े खुशनसीब महसूस करते हैं कि हम यहां से कुछ नया सीख रहे हैं और हमें अपने काम का सम्मान मिल रहा है. हम रोजाना लगभग बारह से तेरह सौ ताले तैयार करते हैं.

(एजेंसी आईएएनएस)

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