Sawai Madhopur : राजस्थान सरकार द्वारा गरीब एंव जरूरतमंद लोगों को महज ₹8 में भोजन उपलब्ध करवाने को लेकर इंदिरा रसोई का संचालन किया गया था. लेकिन सवाई माधोपुर में पीजी कॉलेज में संचालित इंदिरा रसोई विगत कई समय से बंद पड़ी हुई है. जिसके चलते लोगों को इंदिरा रसोई से भोजन उपलब्ध नहीं हो पा रहा है. वही संबंधित ठेकेदार द्वारा भी इंदिरा रसोई में काम करने वाले कार्मिकों को विगत तीन महीनों से भुगतान नहीं किया गया है.


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गौरतलब है कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत द्वारा कोई भूखा ना सोए का नारा देते हुए इंदिरा रसोई का संचालन किया गया था. लेकिन मुख्यमंत्री का यह नारा सवाई माधोपुर में बेअसर साबित हो रहा है. पीजी कॉलेज में संचालित इंद्र रसोई विगत कई समय से बंद पड़ी हुई है। ऐसे में जरूरतमंद लोगों को समय पर और सस्ती दर में भोजन नहीं मिल पा रहा है. वहीं इंदिरा रसोई में काम करने वाले कार्मिकों को भी संबंधित ठेकेदार द्वारा भुगतान नहीं किया जा रहा है. इंदिरा रसोई बंद होने को लेकर नगर परिषद द्वारा भी ठेकेदार के खिलाफ अब तक कोई कार्रवाई नहीं की गई है. संबंधित अधिकारियों की लापरवाही के चलते गरीब व जरूरतमंद लोगों को सस्ती दर पर भोजन उपलब्ध नहीं हो पा रहा है. 


क्या है इंदिरा रसोई


इंदिरा रसोई के माध्यम से जरूरतमंदों को 8 रुपये में एक समय का भोजन दिया जाता है. जरूरतमंदों को स्थाई रसोईयों में सम्मानपूर्वक बैठाकर स्थानीय स्वादानुसार दो समय (दोपहर और रात्रिकालीन) का शुद्ध और पौष्टिक भोजन दिया जाता है. योजना के तहत रसोई संचालकों को प्रति थाली 12 रुपये राजकीय अनुदान जिसे बढ़ाकर 1 जनवरी 2022 से 17 रुपये प्रति थाली कर दिया गया है. रसोई संचालकों को रसोई के लिए रोजमर्रा कार्य जैसे बिजली, पानी, इन्टरनेट के बिल, रसोई साज-सज्जा एवं मरम्मत आदि के व्यय हेतु 50,000 रुपये प्रति रसोई अग्रिम दिए जाने का प्रावधान किया गया है.


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