Sawai Madhopur News: राजस्थान के सवाई माधोपुर में विजय दशमी के अवसर पर नगर परिषद द्वारा तीन दिवसीय विजयादशमी महोउत्सव आयोजित किया जा रहा है, जिसके तहत विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं. इसी कड़ी में बीती रात रावण दहन के बाद दशहरा मैदान पर अखिल भारतीय कवि सम्मेलन का आयोजन किया गया. जिसमें कृषि मंत्री डॉक्टर किरोड़ी लाल मीणा ने शिरकत की. 


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डॉ. किरोड़ी लाल मीणा कवि सम्मेलन में देर रात तक तब तक बैठे रहे जब तक कवि सम्मेलन चलता रहा. कृषि मंत्री की मौजूदगी में देश एंव प्रदेश के कई क्षेत्रों से आए कवियों ने वीर रस, हास्य रस, श्रंगार रस, प्रेम रस, देश भक्ति, व्यंग, बलिदान, सामाजिक समरसता, मातृभूमि से प्रेम आदि से जुड़ी कविताएं सुनाई और शानदार तथा ओजस्वी कविता पाठ किया. हास्य रस की कविताओं ने जहां श्रोताओं को हंस-हंस कर लोट-पोट कर दिया. वहीं देश भक्ति और वीर रस की कविताओं ने श्रोताओं में नया जोश भर दिया. 


 



श्रंगार एंव प्रेम रस की कविताओं से जहां श्रोताओं ने दीवानगी महसूस की. वहीं व्यंग्यात्मक कविताओं ने श्रोताओं को सोचने में मजबूर कर दिया. वर्तमान राजनीति से लेकर सामाजिक समरसता से जुड़ी कविताओं और मातृभूमि के लिए बलिदान देने वाले वीर सपूतों से जुड़ी कविताएं सुनकर श्रोता जोश से भर गए. कवि अपूर्व विक्रम शाह, रामवतार नागर द्वारा सुनाई गई वीर रस से ओतप्रोत कविताओं ने कवि सम्मेलन को नई ऊंचाई पर पहुंचाया और श्रोताओं में जोश भर दिया. 


 



वहीं कवयित्री सुमित्रा सरल एवं मोनिका दहलवी द्वारा श्रंगार एवं प्रेम रस को लेकर पढ़ी गई कविताओं ने श्रोताओं को दीवाना कर दिया. कवि संजय सिंह बाबूजी द्वारा बेटी और पिता के रिश्ते को लेकर पढ़ी गई कविता ने श्रोताओं को इतना भावुक कर दिया कि कई श्रोताओं की आंखों में आंसू झलक गए. इसी तरह रोहित झन्नाटा और अमित शुक्ला, नवीन बैरागी की हास्य कविताओं ने श्रोताओं को हंस-हंस कर लोटपोट होने पर मजबूर कर दिया. 


 



कुशल कुशलेंद्र एंव अनिल तेजस्व की कविताओं ने श्रोताओं को बांधे रखा ,कवि सम्मेलन में बड़ी संख्या में श्रोता देर रात तक डटे रहे. कवि सम्मेलन के दौरान कृषि मंत्री डॉ. किरोड़ी लाल मीणा ने भी कवियों की जमकर हौसलाफजाई की. डॉ. किरोड़ी लाल मीणा कवि सम्मेलन के अंतिम छाण देर रात तक कवि सम्मेलन में बैठे रहे और कवि सम्मेलन का भरपूर आनंद उठाया. 


 



इस दौरान डॉक्टर किरोडी लाल मीणा ने कवि सम्मेलन में आए जनसमूह को संबोधित करते हुए कहा कि कवियों द्वारा कविता पाठ के माध्यम से कही गई एक-एक बात हमारे जहन में आसानी से पहुंच जाती है. इन कवियों की बदौलत ही साहित्य जिंदा है. इस दौरान डॉक्टर किरोडी ने कहा कि वे जब जब सवाई माधोपुर से चुनाव लड़े ओर जब जब यहां की जनता का आशीर्वाद उन्हें मिला तब-तब उनको राजतिलक हुआ है और वे मंत्री बने हैं. डॉ. किरोड़ी ने कहा कि मंत्री बनने के पीछे उनका सिर्फ एक ही मकशद रहा है और वो पीड़ितों को न्याय दिलाना है. 


 



उन्होंने कहा कि जब जब किसी पर अन्याय होगा एंव महिला एंव बालिकाओ पर अत्याचार होगा तब तब डॉक्टर किरोडी लाल मीणा पीड़ित एंव शोषितों की आवाज बनेगा और लड़ेगा उसके लिए चाहे उनकी छाती को झेलनी ही क्यों ना कर दिया जाए और वे इसी तरह पीड़ितों के लिए न्याय की लड़ाई लड़ते रहेंगे. डॉ. किरोड़ी ने रामायण का रावण वध के दौरान का लक्ष्मण और रावण के बीच हुए संवाद का एक व्रतांत सुनते हुए जनसमूह से अन्याय के खिलाफ लड़ने एवं आवाज उठाने की अपील करते हुए कहा कि जब भी जरूरत पड़े, तो उठो ओर अन्याय के खिलाफ लड़ो. 


 



अपने अंदर के रावण को बड़ा मत होने दो उसका वध करो. इस दौरान उन्होंने कहा कि जहां अगर शत्रु से भी अच्छी सिख मिल रही हो, तो शत्रु से भी अच्छी सिख ग्रहण कर लेनी चाहिए. बड़ों का हमेशा सम्मान करना चाहिए. विजय दशमी का पर्व हमे यही सिख देता है कि बुराई कितनी भी ताकतवर क्यों ना हो पर जीत हमेशा सच्चाई की ही होती है.