Kota News: मुख्यालय द्वारा कोटा रोडवेज डिपो को 12 नई बसों की सप्लाई, बंद पड़े रूटों पर भी अब चलाई जाएंगी बसें
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Kota News: मुख्यालय द्वारा कोटा रोडवेज डिपो को 12 नई बसों की सप्लाई, बंद पड़े रूटों पर भी अब चलाई जाएंगी बसें

Kota Big News: कोटा में लंबे समय से बसों की कमी से जूझ रहे कोटा रोडवेज डिपो को मुख्यालय द्वारा अब तक 12 नई बसों की सप्लाई की गई है. जिससे यात्रियों को सुविधा तो मिलेगी ही साथ में रोडवेज को भी काफी फायदा होगा. वहीं पुराने रूट से हटने वाली बसों को कोटा के आसपास क्षेत्र में बंद पड़े रूटों पर चलाया जाएगा.

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Kota Big News: राजस्थान के कोटा में लंबे समय से बसों की कमी से जूझ रहे कोटा रोडवेज डिपो को मुख्यालय द्वारा अब तक 12 नई बसों की सप्लाई की गई है. ऐसे में मुख्यालय द्वारा नई बसों को लंबे रूट पर चलने का निर्णय क्या है, जिससे यात्रियों को सुविधा तो मिलेगी ही साथ में रोडवेज को भी काफी फायदा होगा. 

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वहीं पुराने रूट से हटने वाली बसों को कोटा के आसपास क्षेत्र में बंद पड़े रूटों पर चलाया जाएगा. ताकि यात्रियों को इसकी सुविधा मिल सकेगी. वहीं जैसे ही अन्य और बसें उपलब्ध होती हैं, उनको भी लंबी दूरी पर चालू कर दिया जाएगा. नयापुरा बस स्टैंड प्रभारी नासिर अली का कहना है कि कोटा रोडवेज डिपो में लगभग एक दर्जन बसें ऐसी हैं, जो अवधि पार कर चुकी हैं, या तो जिनके किलोमीटर पूरे हो चुके हैं या उनका समय पूरा हो चुका है.

लेकिन कोटा रोडवेज डिपो में बसों की काफी कमी है. ऐसे में उनकी मरम्मत करके उनको चलाया जा रहा है. कोटा डिपो ने मुख्यालय से 20 बसों की मांग की है. ऐसे में अभी तक 12 बसें उनको उपलब्ध हुई हैं. जैसे ही अन्य बसें भी उनको उपलब्ध होगी, उनको लंबी दूरी पर चालू कर दिया जाएगा.

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कोटा में शनिवार को विजयदशमी पर दशहरा मैदान में रावण के कुनबो का दहन किया गया. जिसके साक्षी लाखों की संख्या में लोग बने. रावण दहन से पहले गढ़ पहले से दशहरे मैदान तक राजसी ठाठ के साथ सवारी निकाली गई. इसके बाद दशहरे मैदान परिसर में पूजा अर्चना की गई. वहीं कुंभकरण, मेघनाथ के बाद रावण के पुतले का भी पूरी रीती रिवाज के साथ दहन किया गया.

इस मौके पर लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला, ऊर्जा मंत्री हीरालाल नागर, शिक्षा मंत्री मदन दिलावर सहित विधायक और मेला समिति के पदाधिकारी मौजूद रहे. ओम बिरला ने कहा कि इस मेले को ऐतिहासिक बनाने के लिए हर तरह से प्रयास किए जाएंगे. कोटा का दशहरा अपने आप में ही ऐतिहासिक है और इसका स्वरूप हम सभी ने देखा है.

 

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