आबूरोड नगरपालिका के हाल बेहाल,2 साल में बदले 18 ईओ,अभी भी अस्थाई ईओ के भरोसे नगरपालिका
राज्य सरकार के इस रवैय से शहर की जनता को भारी नुकसान हो रहा है पर सरकार इस ओर कोई ध्यान नहीं दे रही है.
Pindwara-Abu: सिरोही जिले की सबसे बड़ी नगरपालिका आबूरोड में जब से नया बोर्ड बना है पालिका के हाल बेहाल है. पिछले दो वर्षों में स्थाई ईओ की पोस्टिंग नहीं हो पाई है. बीते 2 सालों में 18 ईओ राज्य सरकार द्वारा लगाए और बदले गए. आया राम गया राम की स्थिति से आबूरोड की जनता के मूलभूत काम तक अटके हुए हैं तो सरकार की कई महत्वपूर्ण योजनाओं को भी पलिता लग रहा है.
वर्तमान में आबूरोड तहसीलदार रायचंद देवासी को ईओ का अतिरिक्त पदभार दिया गया है. पालिका अध्यक्ष मगनदान चारण ने कांग्रेस और राज्य सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि आबूरोड शहर की कांग्रेस की आपसी राजनीती के चक्कर में राज्य सरकार द्वारा लगातार ईओ लगाए और हटाए जा रहे हैं एक गुट पोस्टिंग करवाता है तो दूसरा गुट जाकर उसे हटाता है.
राज्य सरकार के इस रवैय से शहर की जनता को भारी नुकसान हो रहा है पर सरकार इस ओर कोई ध्यान नहीं दे रही है. उन्होंने कहा की ईओ के साथ साथ एईएन, जेईएन, एसआई, जमादार सहित विभिन्न पोस्ट खाली है जिसके चलते रोजमर्रा के कार्य भी अटके हुए पड़े है. सरकार की प्रशासन शहरों के संग अभियान में कोई अधिकारियों के अभाव में कोई कार्य नहीं हो रहे है.
नेता प्रतिपक्ष कांतिलाल परिहार ने बताया की आबूरोड नगरपालिका में स्थाई ईओ की पोस्टिंग को लेकर राज्य सरकार को अवगत करवाया गया है ताकि शहर की जनता को राज्य सरकार की योजनाओं का लाभ मिल सके. इसी प्रकार कांग्रेसी पार्षद नरगिस कायमखानी कहा कि पूरे मामले को लेकर सिरोही विधायक संयम लोढ़ा द्वारा विधानसभा में भी मामला उठाया गया था जिसके बाद भी सरकार द्वारा अब तक कोई स्थाई ईओ की पोस्टिंग नहीं हुई है.
ईओ के अभाव में लोगों को नक्शा, नामन्तरण सम्बंधित कार्यों में भी समस्या का सामना करना पड़ रहा है.
राज्य सरकार द्वारा प्रदेश की जनता को लाभ देने के लिए प्रशासन शहरों के संग अभियान चलाया जा रहा है पर आबूरोड में यह धरातल पर नहीं उतर पाया है जिससे जनता इस अभियान से अभी तक वंचित है पालिका में ईओ, भुमि शाखा से जुड़े अधिकारी और एईएन, जेईएन की पोस्ट खाली है.
ऐसे में लोगों को पट्टे नहीं मिल रहे है. पालिका में कुल 40 वार्डो में 700 लोगों ने पट्टे का आवेदन किया है जिसमें सिर्फ 76 लोगों को पट्टे दिए गए हैं. ऐसे में राज्य सरकार की इस महत्वपूर्ण योजना को आबूरोड में पलिता लग रहा है.
पूरे मामले में भाजपा ने आरोप लगाया की शहर में कांग्रेस के दो गुट बने हुए हैं जिसको लेकर शहर की जनता को परेशान किया जा रहा है और स्थाई ईओ की पोस्टिंग नहीं हो रही है. उन्होंने आरोप लगाया की एक गुट ईओ की पोस्टिंग करवाता है तो दूसरा गुट जाकर 15 दिन के भीतर ही उस अधिकारी को या तो ट्रांसफर किया जाता है या एपीओ किया जाता है. कांग्रेस की इस गुटबाजी में शहर की जनता पीस रही है.
विधानसभा में उठ चूका है मामला
आबूरोड नगरपालिका में अधिकारियों की कमी को लेकर सिरोही विधायक और मुख्यमंत्री के सलाहकार संयम लोढ़ा विधानसभा में मामला उठा चुके है पर अब तक कोई निष्कर्ष नहीं निकला है. मानो राज्य सरकार को आबूरोड से कोई सरोकार ही ना हो ऐसी स्थिति बनी हुई है.
Reporter-Saket Goyal
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