Sirohi: सिरोही जिले के स्वरुपगंज में आदर्श विद्या मंदिर स्कूल भूमि विवाद में दो दिन पूर्व सांसद देवजी पटेल ने आबूरोड में पत्रकार वार्ता कर विधायक संयम लोढ़ा पर शिक्षा में तुष्टिकरण और मामले में राजनैतिक दवाब बनाकर आदर्श विद्या मंदिर स्कूल की मान्यता रद्द करने के लिए कमेटी बनाने का आरोप लगाया था. अब इसी मामले को लेकर विधायक संयम लोढ़ा और शिकायतकर्ता और भूमि पर अपना मालिकाना हक जताने वाले पीड़ित छगनलाल खंडेलवाल ने सिरोही सर्किट हाउस में पत्रकार वार्ता की. 


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

विधायक संयम लोढ़ा ने कहा की सांसद द्वारा लगाए गए सभी आरोप मन गढ़ंत और बेबुनियाद है. सांसद मामले में जांच करें अधिकारियों और पीड़ित को दबाने का आरोप लगाया. उन्होंने कहा की आदर्श विद्या मंदिर स्वरुपगंज की भूमि और मान्यता को लेकर छगनलाल ने शिक्षा विभाग शिकायत की थी. स्कूल के भूमि आवंटन और मान्यता को गलत रूप से ले गई है. 


इस पर राज्य सरकार ने संपूर्ण तथ्यों की जांच करवाई तो पाया गया कि बिंदु संख्या 1 से 8 तक विधायक पर राज्य सरकार ने संपूर्ण तथ्यों की जांच करवाई तो पाया गया कि बिंदु संख्या 1 से 8 तक विधालय के मान मानक की स्थितियां प्रतिकूल है. शिक्षा विभाग में अपनी जांच रिपोर्ट निदेशालय बीकानेर को भेजकर कहा की शपथ पत्र के आधार पर दी गई मान्यता निरस्त योग्य है. सुरक्षा प्रमाणपत्र भी फर्जी है. उसे रद्द कर दिया गया है. इसके बाद अन्य स्तरों पर जांच करवाई गई तो उसमें अभी मान्यता रद्द करने की अनुशंसा की गई है. समिति को शिक्षा विभाग ने सुनवाई का अवसर दिया और सुना गया. 


आदर्श विद्या मंदिर विद्यालय को आवंटित भूमि को जिला कलेक्टर ने 29 अप्रैल 2022 को निरस्त कर दिया. राजस्व रिकॉर्ड में बिलानाम दर्ज की जा चुकी है. इस संबंध में जिला शिक्षा विभाग ने 16 अप्रैल 2023 को 4 सदस्य जांच समिति गठित कर उसमें पूरे प्रकरण की जांच रिपोर्ट देने का आदेश दिया गया है जांच कमेटी की रिपोर्ट आने के पहले ही उन पर किसी प्रकार की शंका और आरोप लगाना न्याय प्रणाली के विपरीत करते हैं. उन्होंने सरकार से यही अनुरोध किया है कि झूठे शपथ पत्र के आधार पर मान्यता देने फर्जी सुरक्षा प्रमाणपत्र भूमि आवंटन करने वालों के विरुद्ध कार्रवाई करें लोकतंत्र में जनप्रतिनिधियों का दायित्व है कि गलत कार्य को सरकार और जनता के सामने रखकर उसे करें. 


यह कार्य करना अपने आप में एक सवालिया निशान है सांसद ने 15 साल में शिक्षा को बढ़ावा देने के नाम पर कोई कार्रवाई नहीं की और वह उस व्यक्ति को शिक्षा विरोधी बता रहा है जिसका 4 साल के लिए वह कार्य करवाए हैं जो 70 साल में नहीं हुए शिक्षा के प्रति जागरुक होते तो 15 साल में सिरोही में केंद्रीय विद्यालय खुलवा देते लेकिन अपनी असफलता को छुपाने के लिए बेतुके आरोप लगा रहे है. इस दौरान मालिकाना हक़ जताने वाले पीड़ित छगनलाल खंडेलवाल ने कहा की यह उनकी पुश्तैनी ज़मीन पर आरएसएस हुए आदर्श विद्या दबाव बनाकर ज़मीन लेना चाहते है जिसको लेकर वह लड़ाई लड़ रहे है. जबकि वह खुद भी आरएसएस के कार्यकर्त्ता रह चुके है.


ये भी पढ़ें...


SSC CGL Notification 2023: सीजीएल परीक्षा की अधिसूचना जारी, जानें कितनी हैं वेकेंसी, 3 मई तक कर सकेंगे आवेदन


Happy Mahavir Jayanti 2023 Wishes: महावीर जयंती पर अपने रिश्तेदारों और दोस्तों को भेजें ये शुभकामनाएं