Suratgarh: राजियासर थाना क्षेत्र में गुरुवार को मोकलसर कैम्प के गेट पर धरने के बाद राजियासर हिंदौर टोल प्लाजा पर पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच झड़प हो गयी. जिससे मुआवजे की मांग कर रहे ग्रामीणों को हल्की चोटें आई है. सूरतगढ़ बीकानेर टोल कंपनी के खिलाफ मृतक श्रमिक के परिजनों को न्याय दिलाने की मांग को लेकर मोकलसर कैंप के गेट के आगे सैंकड़ों ग्रामीणों ने कंपनी के खिलाफ लापरवाही की जांच और उसके बाद परिजनों की मदद न करने जैसे गम्भीर आरोपों को लेकर ग्रामीणों ने धरना दिया.


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लगातार दो दिनों में हुई वार्ता कंपनी एजीएम रमेश बयाला के अड़ियल रवैये के चलते विफल हो गयी. कंपनी एजीएम द्वारा मृतक को कंपनी का कर्मचारी मानने से इनकार कर दिया. इसके बाद प्रदर्शनकारियों ने कंपनी के तीनों टोल प्लाजा बन्द करने का निर्णय लेकर राजियासर हिंदौर टोल प्लाजा पहुंचे. एसडीएम यादव और सीओ के साथ समझाइश के दौरान पीछे ग्रामीण हाइवे पर बैठ गए. जिसपर पुलिस द्वारा अचानक लाठीचार्ज से ग्रामीणों के हल्की चोटें आई. इसके बाद ग्रामीण टोल से थोड़ी दूरी पर दोबारा एकत्रित हो गए.


पीड़ित परिवार को न्याय के लिए संघर्षरत पूर्व विधायक राजेन्द्र भादू, सम्पत सारस्वत, श्योपतसिंह कायल, विजयपाल बेनीवाल, राकेश बिश्नोई, ओम राजपुरोहित, सुमित चौधरी ने जानकारी देते हुए बताया कि 6 फरवरी को मोकलसर के नजदीकी गांव चकजोड़ के पवन शर्मा पुत्र चंदूराम शर्मा का कंपनी कार्य के दौरान रोड़ निर्माण और टॉल प्लाजा चलाने वाली कंपनी में कार्य करते हुए कंपनी की गाड़ी से दुर्घटना में घटनास्थल पर ही रात को ही करीब साढ़े आठ बजे मृत्यु हो गई थी जिसके बाद कंपनी द्वारा इस मामले को सुबह तक छुपाया गया और परिजनों को नही बताया.


सुबह परिजनों को शव देकर कंपनी के लोग रफूचक्कर हो गए और फिर एक महीने तक मृतक के परिजनों को गुमराह करते रहे. इसके बाद परिजनों के मुआवजे या सहयोग का कहने पर कंपनी के लोगों द्वारा मृतक पवन शर्मा के स्थाई कर्मचारी ना होने और बड़ी कंपनी के खिलाफ कानूनी प्रपंचों में पड़कर फंसने के डर दिखाकर चुप रहने का बोल दिया गया.


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डीएसपी के प्रति ग्रामीणों में आक्रोश के चलते वार्ता में शामिल करने से किया इनकार
राजियासर हिंदौर टोल प्लाजा पर प्रशासनिक अधिकारियों के साथ शांतिपूर्ण वार्ता के दौरान गुरुवार शाम को पुलिस द्वारा अचानक बल प्रयोग करने से ग्रामीण शुक्रवार सुबह से बड़ी संख्या में धरना स्थल पर एकत्रित हो गए. डीएसपी शिवरतन गोदारा और कंरनी एजीएम रमेश बयाला द्वारा किए गए असंवेदनशील व्यवहार के प्रति रोष प्रकट करते हुए नारेबाजी की. इसके बाद प्रशासन द्वारा वार्ता का प्रस्ताव रखने पर ग्रामीणों ने डीएसपी शिवरतन गोदारा को वार्ता में शामिल न करने की मांग रखी.


कंपनी के अड़ियल रैवये डीएसपी के व्यवहार से लोगों मे भारी आक्रोश, दो दिनों से लगातार वार्ता हो रही विफल
राजियासर पुलिस थाना और टोल प्लाजा के मध्य चल रहा धरना जारी है. एसडीएम कपिल यादव, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक बनवारी लाल की मध्यस्थता में राजियासर थाना परिसर में हुई वार्ता बेनतीजा रही. वार्ता के लिए ग्रामीणों की तरफ से गठित कमेटी में पूर्व विधायक राजेन्द्र भादू, मोहन पूनिया, ओम राजपुरोहित, राकेश बिश्नोई, सम्पत सारस्वत, महेंद्र सारस्वत, विजयपाल बेनीवाल, विवेक माचरा, राजू बरायच शामिल हुए. करीब एक घण्टा चली वार्ता बेनतीजा रही. कमेटी सदस्यों ने कंपनी अधिकारियों पर हठधर्मिता और असंवेदनशीलता का आरोप लगाते हुए गर्मागर्म बहस के साथ बैठक स्थल से बाहर आ गए.


कंपनी द्वारा उचित मुआवजा राशि नहीं देने तक धरना जारी रखने की घोषणा कर दी. इसके थोड़ी देर बाद प्रशासनिक अधिकारियों ने दोबारा कमेटी सदस्यों को वार्ता के लिए बुलाया, लेकिन कमेटी सदस्यों और ग्रामीणों ने वार्ता से इनकार कर दिया. मृतक पवन शर्मा और हरियाणा निवासी 23 वर्षीय इंजीनियर मोहित चौधरी और अन्य आधा दर्जन कार्मिकों की दुर्घटनाओं में मौत पर भी कंपनी उनके परिजनों को बिना सहायता दिए गुमराह कर रही है. इन सब मुद्दों को लेकर ग्रामीण कम्पनी के खिलाफ लामबंद हो गए हैं.


Reporter: Kuldeep Goyal