टोंक न्यूज: ऊंट के सरंक्षण और सुरक्षा को लेकर राजस्थान सरकार ने 19सितंबर 2014 को राज्य पशु का दर्जा दिया लेकिन उसे बावजूद भी रेगिस्तान के इस जहाज की बदहाली और शोषण की तस्वीरें लगातार सामने आती रही हैं जिसमें कभी बजरी से भरी ऊंट गाड़ी के साथ दलदल में फंसे हुए ऊंट की वीडियो तो पश्चिमी राजस्थान में पानी से अभाव तड़पकर दम तोड़ते इस राज्य पशु की तस्वीरें शामिल हैं. राज्य पशु की घोषणा के बाद से आज तक कभी इनकी ना तो गणना करवाई गई ना ही लापरवाहों पर कार्रवाई की गई.


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

टोंक जिले की बात करें तो यहां भी 100 से ज्यादा ऊंट रोजाना बजरी से भरी गाड़ियों को ढोते नजर आते हैं लेकिन बीते दिन देर जो माजरा सामने आया उसे देख हर किसी के रोंगटे खड़े हो गए.


दरअसल, टोंक शहर की सड़कों पर एक बेलगाम ऊंट दौड़ पड़ा. जो शहर के चिड़ियों की बाड़ी इलाके में बंधा था. रस्सी तोड़ कर शहर में ऊंट बेलगाम हो गया. शहर के महादेवाली से होते हुए ऊंट सिविल लाइन,पटेल सर्किल, कलेक्टर कार्यालय, घंटाघर चौराहे,बम्बोर गेट से होकर बेलगाम दौड़ता हुआ तेज आवाज निकालता हुआ नजर आया. वाहन चालक से लेकर राहगीर तक की सांसें उखड़ गई.


हर कोई अपनी जान बचाकर एक तरफ होता हुआ दिखाई दिया.करीब आधे घंटे की मशक्कत के बाद ऊंट मालिक ने पुलिस लाइन के सामने इसे कंट्रोल किया और काबू में करके घर ले गया. अब सबसे बड़ा सवाल यह उठता है कि आखिर यह बेलगाम ऊंट कोई हादसा कर देता तो कौन जिम्मेदार होता. किसी राहगीर,वाहन चालक या बच्चे पर हमला कर देता जो उस जनहानि का कौन जिम्मेदार होता. पशु पालन विभाग के अधिकारी तो कभी दफ्तर में नजर नहीं आते है ऐसे में इन लापरवाह अधिकारियों पर कार्रवाई कब होगी?


ये भी पढ़ें-


Sukhdev Singh Gogamedi Murder: सुखदेव गोगामेड़ी हत्याकांड के आरोपियों का कराया गया एसएमएस अस्पताल में मेडिकल


राजस्थान: गैंगस्टर आनंदपाल के भाई सहित चाचा को कोर्ट ने सुनाई दो-दो साल की सजा