Malpura, Tonk: टोंक जिले में मालपुरा उपखंड के लांबाहरिसिंह रामसागर बांधों की मरम्मत और खुदाई के लिए भले ही ₹4करोड़ 40 लाख के बजट से मरम्मत कार्य पूर्ण कर दिया गया है लेकिन निर्माण कार्यों की पोल तब खुल गई जब राम सागर बांध की नहर को सिंचाई के लिए खोला गया और नहर आधा दर्जन जगहों से टूटकर खेतों में पानी भर जाने से किसानों की फसलें खराब हो रही हैं.


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बता दें कि किसानों द्वारा इसकी शिकायत के बावजूद भी विभागीय अधिकारियों ने समस्या की सुध नहीं लेने से आक्रोशित किसान नहर पर धरना लगाकर बैठ गए. ऐसे में प्रशासनिक अधिकारी प्रभाती लाल जाट किसानों के बीच पहुंचे तो नहर मरम्मत कार्य की पोल खुल गई. किसानों ने बताया कि विभागीय अधिकारियों ने निर्माण ठेकेदार के साथ मिलीभगत कर महज बालू रेत से निर्माण करा दिए जो कि जगह-जगह से टूट गई और इससे किसानों के खेतों में पानी भर जाने से फसलें जलमग्न हो गई. जो कि अब खराब होने के कगार पर है. 


साथ ही किसानों ने एडीएम प्रभाती लाल जाट जाट द्वारा इसकी सूचना जिला कलेक्टर को दिए जाने के बावजूद भी विभागीय अधिकारी लंबे समय तक किसानों के बीच नहीं पहुंचे. ऐसे में जब गत रोज सिंचाई विभाग के एक्सईएन और एईएन किसानों के बीच पहुंचे तो आक्रोशित  किसानों ने उनका घेराव कर लिया और खुलेआम विभागीय अधिकारियों पर 4 करोड़ 40 लाख के बजट को ठेकेदारों के साथ मिलीभगत का भ्रष्टाचार कर लेने का खुला आरोप लगाया. हालात यह है कि बुधवार को नहर टूटने से अब तक टेल क्षेत्र के किसानों तक पानी पहुंचना तो दूर महज 1 किलोमीटर की दूरी भी तय नहीं हो पाई है.


उल्लेखनीय है कि विभाग द्वारा चार करोड़ 40 लाख का बजट स्वीकृत कर 10 किलोमीटर लंबी नहरों को पक्का कराए जाने का वर्क आर्डर दिया गया था. जो कि संवेदक के जरिए हाल ही में पूरा कार्य कर दिया गया, लेकिन नहर खुलने के साथ ही जगह-जगह से टूटने का सिलसिला शुरू होने पर किसान आक्रोशित है.


Reporter: Purshottam Joshi


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