Tonk News: मालपुरा को जिला बनाने की मांग अब जोर पकड़ने लगी है. आज मालपुरा को जिला बनाने की मांग को लेकर मालपुरा जिला बनाओ कोर कमेटी के तत्वावधान में बड़ी संख्या में सदस्यों ने प्रदेश में नए जिले बनाने के लिए बनी कमेटी रामलुभाया कमेटी सिंचाई भवन जयपुर स्थित कार्यालय में पहुंच सदस्यों ने पूर्व आईएएस रामलुभाया को ज्ञापन सौंपते हुए मालपुरा के भौगोलिक, ऐतिहासिक पृष्ठभूमि के बारे में जानकारी देते हुए 40 पन्नों की एक पत्रावली सौंपी. पत्रावली में मालपुरा को जिला बनाने की मांग करते हुए मालपुरा की संपूर्ण भौगोलिक स्थिति के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि मालपुरा सन् 1950 में भी जिला बनने की स्थिति में था, लेकिन प्रदेश में देशी रियासतों के एकीकरण में टोंक को जिला बना दिया गया.


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

वर्तमान समय में प्रदेश सरकार की ओर से प्रदेश में नवीन 19 जिलों की घोषणा की गई. घोषणा में मालपुरा को जिला बनाने से वंचित रखने व मालपुरा के समीप दूदू व केकड़ी को जिला बना देने से मालपुरा को जिला बनाने की मांग उठी है. राम लुभाया कमेटी को ज्ञापन में बताया गया कि मालपुरा में जिला बनने के सभी प्रकार के मापदंड उपलब्ध है सरकारी व प्रशासनिक स्वीकृति होने के बाद आर्थिक भार भी सरकार को बहुत कम पड़ेगा। वर्तमान में एडीएम कोर्ट, एएसपी कार्यालय मौजूद है.


ये भी पढ़ें- Rajsamand: राजसमंद में भाजपा ने किया जन आक्रोश महाघेराव,पुलिस ने नियंत्रण के लिए शुरू कर दी पानी की बौछार


भेड़ अनुसंधान केंद्र एशिया का नंबर वन अनुसंधान केंद्र अविकानगर में है. विश्व प्रसिद्ध दादाबाड़ी, तीर्थ नगरी डिग्गी मालपुरा क्षेत्र में ही है. सभी प्रकार की भौगोलिक, ऐतिहासिक पृष्ठभूमि व स्थिति को देखकर मालपुरा को जिला बनाने की मांग की गई. प्रतिनिधिमंडल में विधायक कन्हैयालाल चौधरी, पूर्व जिला प्रमुख रामविलास चौधरी, एडवोकेट रवि कुमार जैन, जतन लाल जाट, पालिका अध्यक्ष सोनिया सोनी, प्रेम प्रकाश सैनी, विवेक व्यास सहित बड़ी संख्या में लोग मौजूद रहे। रामलुभाया कमेटी ने भी मालपुरा को जिला बनाने का प्रस्ताव मुख्यमंत्री स्तर तक पहुंचाने का आश्वासन दिया.