Udaipur : राजस्थान के उदयपुर के आदिवासी अंचल में कई पीड़ित महिलाओं को न्याय दिलाने की मांग को लेकर राज्यसभा सांसद डॉ किरोड़ी लाल मीणा का कलेक्ट्रेट परिसर में चल रहा धरना, 6 घंटे चली वार्ता और मांगे माने जाने के बाद समाप्त हो गया. हालाकिं मीणा ने कहा है कि अगर प्रशासन ने मांगों को 5 दिन में पूरा नहीं किया तो वो फिर से धरने पर बैठ जाएंगे.


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दरअसल राज्यसभा सांसद डॉ किरोड़ी लाल मीणा सोमवार शाम करीब 4:00 बजे आदिवासी महिलाओं और बच्चों के साथ जिला कलेक्ट्रेट पहुंचे और कलेक्टर ताराचंद मीणा से मुलाकात कर आदिवासी इलाके में हो रही ह्यूमन ट्रैफिकिंग के मुद्दे को उठाया. मीणा ने महिलाओं के साथ दुष्कर्म और सामूहिक दुष्कर्म का शिकार आदिवासी महिलाओं को न्याय दिलाने और उन्हें आर्थिक मदद देने की मांग की. उन्होंने कहा कि इस पूरे मामले की निष्पक्ष जांच हो और दोषियों के खिलाफ कार्रवाई हो. करीब एक घण्टे की मुलाकात के बाद राज्यसभा सांसद डॉक्टर मीणा बाहर निकले. मीडिया से बात करते हुए बताया कि वे ऐसी पीड़ित आदिवासी महिलाओं को अपने साथ लाए हैं. जिनके साथ कम उम्र में दुष्कर्म और सामूहिक दुष्कर्म हुआ लेकिन उन्हें न्याय नहीं मिला. डॉ मीणा ने प्रशासन से थानागाजी की तर्ज पर पीड़ित महिलाओं को आर्थिक मदद, आवास और सरकारी नौकरी देने की मांग की और धरने पर बैठ गए.


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सूचना पर कलक्टर ने तुरंत ही संबंधित विभाग के अधिकारियों को बुलाया और मीणा की मांगों पर उनसे बात की. मीणा को मनाने के लिए कलक्टर चैम्बर में अधिकारियों के साथ फिर से वार्ता का दौर शुरू हुआ. साथ ही पीड़ित महिलाओं के साथ प्रशासनिक अधिकारियों ने बात की. करीब 1 घंटे तक चला वार्ता का दौर बेनतीजा निकला  और मीणा फिर से बाहर आकर धरने पर बैठ गए.


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करीब 9:00 बजे एक बार फिर कलक्टर के चेंबर में वार्ता का दौर शुरू हुआ. जिसमें कलेक्टर ताराचंद मीणा, पुलिस अधीक्षक मनोज कुमार, सामाजिक कल्याण विभाग के अधिकारी मांधाता सिंह समेत कई विभागों के अधिकारी मौजूद रहे. करीब आधे घंटे तक चले इस वार्ता में प्रशासन को डॉक्टर मीणा को मनाने में सफलता मिल गई और उन्होंने धरना समाप्त करने की सहमति दे दी. डॉ किरोड़ी लाला मीणा ने मीडिया को बताया कि प्रशासन ने उनकी मांगों को बेहद गंभीरता के साथ लिया है. साथ ही वे जिन आठ पीड़ित महिलाओं को लेकर यहां आए हैं उनमें से 4 महिलाओं को ₹500000 की आर्थिक सहायता और एक पक्का मकान देने पर प्रशासन ने सहमति बनाई है. क्योंकि ये महिलाएं अशिक्षित हैं इसलिए उन्हें सरकारी नौकरी नहीं मिल सकती साथ ही अन्य चार महिलाओं के साथ हुए अत्याचार को लेकर कोई मामला दर्ज नहीं है. ऐसे में प्रशासन मामला दर्ज कर आगे की कार्रवाई करेगा.


Report : Avinash Jagnawat