Udaipur News: राजस्थान उपचुनाव 2024, सलूम्बर सीट पर त्रिकोणीय मुकाबला, भारतीय अदिवासी पार्टी दे रही है कड़ी टक्कर
प्रदेश की सात विधानसभा सीटों पर होने वाले उपचुनाव को लेकर प्रचार अभियान अब अंतिम चरण में चल रहा है. अंतिम दौर के प्रचार अभियान में राजनैतिक दल कोई कसर नहीं छोडना चाह रहे है.
Udaipur News: प्रदेश की सात विधानसभा सीटों पर होने वाले उपचुनाव को लेकर प्रचार अभियान अब अंतिम चरण में चल रहा है. अंतिम दौर के प्रचार अभियान में राजनैतिक दल कोई कसर नहीं छोडना चाह रहे है. यही कारण है कि प्रचार अभियान के अंतिम दिनों में पार्टी के स्टार प्रचारक और बडे नेता लोगों की बीच में जा कर अपने प्रत्याशी के लिए वोट मांग रहे है. बात अगर उदयपुर संभाग की आदिवासी बाहूल्य सीट सलूम्बर की करें तो यहां पर त्रिकोणिय मुकाबला देखने को मिल रहा है. जहां 2023 के विधानसभा चुनाव के दौरान अस्तित्व में आई भारतीय अदिवासी पार्टी दोनों राष्ट्रीय पार्टियों को कडी टक्कर दे रही है.
प्रदेश में हो रहे उपचुनाव को लेकर प्रचार अभियान को शोर कल शाम को थम जाएगा. अंतिम चरण में चल रहा प्रचार अभियान अपने परवान पर है. उपचुनाव के परिणाम से प्रेदश की सत्ता को प्रभावित नहीं करेगें. लेकन भाजपा उपचुनाव में जीत दर्ज कर सरकार के दस माह के कार्यकाल पर जनता की मोहर लगवाने जुटी है तो वहीं कांग्रेस चुनावी मैदान में बाजी मार सरकार पर मनोवैज्ञानिक दबाव बनाने की मंशा रखी हुई है.
ऐसे मे बात अगर मेवाड संभाग के सलूम्बर विधानसभा सीट की करें तो इस बार का उपचुनाव बीतें चुनावों से काफी अलग नजर आ रहा है. अब तक सलूम्बर में भाजपा और कांग्रेस के बीच मुकाबला होता था. लेकिन 2023 के विधानसभा चुनाव में तीसरे मोर्चे के रूप में चुनावी रण में उतरी भारतीय आदिवासी पार्टी ने 50 हजार से अधिक वोट प्राप्त कर क्षेत्र में अपनी उपस्थिति दर्ज करवाई है. जिसके कारण दोनों ही बडी पार्टियों के नेताओं पर चिंता की लकीरें बढी हुई है. बीते तीन विधानसभा चुनाव में लगातार जीत दर्ज करने वाली भारतीय जनता पार्टी की साख इस उपचुनाव मे दांव पर लगी हुई है. यही कारण है कि सत्ता से लेकर संगठन के बडे—बडे नेता चुनावी मैदान में उतर कर भाजपा प्रत्याशी के समर्थन मे जनता से वोट मांग रे है.
टीएडी मंत्री बाबूलाल खराडी और मंत्री हेमंत मीणा सहीत आधा दर्जन से अधिक विधायकों ने सलूम्बर में डेरा डाल रखा है. तो वही प्रदेश अध्यक्ष मदन राठौड और पूर्व नेता प्रतिपक्ष राजेन्द्र राठौड सहीत कई बडे नेता पार्टी प्रत्याशी के समर्थन में सलूम्बर का दौरा कर चूके है. शुक्रवार को उपमुख्यमंत्री दिया कुमारी ने रोड शो किया. भाजपा के लिए सलूम्बर सीट पर जीत कितनी जरूरी है इसका अंदाज इस बात से लगाया जा सकता है कि सूबे की मुख्यमंत्री कल दूसरी बार पार्टी प्रत्याशी का प्रचार करने सलूम्बर आएगें. इससे पहले वे यहां नामांकन सभा को भी संबोधित कर चूके है. भाजपा नेता चुनावी मैदान में मोदी सकरार की जनकल्याणकारी योजनाओं के साथ प्रदेश सरकार के दस माह के कार्यकाल की उपलब्धियां लेकर जनता के बीच जा रहे है.
सलूम्बर विधानसभा चुनाव में लगातार हार का समान कर रही कांग्रेस पार्टी ने इस बार अपना प्रत्याशी बदल दिया. पार्टी ने मेवाड के दिग्गज नेता रघुवरी मीणा को टिकट काट कर महिला प्रत्याशी रेशमा मीणा को चुनावी मैदान में उतारा लेकिन पार्टी का यह दांव उल्टा पडा और मीणा के साथ उनके समर्थक नारज हो गए. जिससे क्षेत्र में पार्टी दो खेमों में बट गई. हालाकि चुनाव का जिम्मा संभाल रहे पूर्व मंत्री अशोक चांदना ने देर से ही सही लेकिन मीणा को मना लिया और कार्यकर्ताओं को नए जोश के साथ चुनावी मैदान में उतरने के लिए तैयार किया.
सलूम्बर चुनाव के लिए कांग्रेस पार्टी ने पूर्व मंत्री चांदना के साथ पूर्व मंत्री अर्जुन बामनिया, विधायक दयाराम परमार, पूर्व विधायक प्रिति शक्तावत के साथ मेवाड के वरिष्ठ नेताओं को प्रचार अभियान में उतारा है. तो वही प्रचार अभियान के अंतिम चरण में पीसीसी चिफ गोविंद सिंह डोटासरा ने प्रचार अभियान की कमान संभाली है. लोगों के बीच जा कर उन्होने पार्टी प्रत्याशी के लिए वोट मांगें. कांग्रेस नेता चुनावी मैदान में गहलोत सरकार की उपलब्धियां और भाजपा सरकार के विफलताओं को लेकर जा रहे है.
सलूम्बर के चुनावी मैदान में तीसरे मोर्चे के रूप में उतरी भारतीय आदिवासी पार्टी के पास अपने काई स्टार प्रचारक नहीं है. लेकिन 2023 के विधानसभा चुनाव में 50 हजार से अधिक वोट मिलने से पार्टी के नेताओं और कार्यकर्ताओं को उत्साह चरम पर है. प्रचार का जिम्मा डूंगरपुर बांसवाडा सांसद राजकुमार रौत ने अपने कंधों पर उठा रखा है. बीएपी नेता भाजपा और कांग्रेस सरकार की विफलताओं को लेकर जनता के बीच में जा रहे है. बीएपी नेताओं ने दोनों ही पार्टी के नेताओं पर आदिवासी समाज के लोगों का शोषण करने का आरोप लगाया है.
चुनावी रण में उतरी तीनों ही पार्टी के नेता अपनी जीत का दांवा करते नजर आ रहे है. लेकिन किसका दांवा सही साबीत होता है और जनता किस पार्टी के प्रत्याशी को जीत का सेहरा पहना विधानसभा में पहू्ंचाती है यहा चुनाव परिणा के बाद ही साफ हो जाएगा. लेकिन एक बात तय है सलूम्बर विधानसभा सीट का उपचुनाव परिणाम किसी भी पार्टी के पक्ष में जाए नया इतिहास जरूर रचेगा.
अविनाश जगनावत जी मीडिया सलूम्बर
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